केंद्रीय सशस्त्र बलों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए सरकार ठोस कदम उठाए: समिति

Update: 2022-12-14 02:51 GMT

फाइल फोटो

नई दिल्ली (आईएएनएस)| गृह मामलों से संबंधित संसद की स्थायी समिति ने केंद्रीय सशस्त्र बलों में काफी कम संख्या में महिलाओं की भर्ती किये जाने पर निराशा व्यक्त की है। समिति ने गृह मंत्रालय से सीमावर्ती चौकियों पर उपयुक्त माहौल बनाने के लिये कदम उठाने की मांग की ताकि महिलाएं सुरक्षा बलों में शामिल होने के लिये प्रेरित हों सकें।राज्यसभा सांसद बृजलाल के नेतृत्व वाली गृह मामलों की स्थायी संसदीय समिति की रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
गृह मामलों से संबंधित संसद की स्थायी समिति ने मंगलवार को राज्यसभा में अपनी रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में समिति ने पाया कि गृह मंत्रालय द्वारा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में महिलाओं की भर्ती को प्रोत्साहित करने के प्रयासों के बावजूद इन बलों में महिलाओं की संख्या काफी कम है।
समिति ने रिपोर्ट में गौर किया कि 2016 में सरकार ने सीआरपीएफ और सीआईएसएफ में महिलाओं के लिए कांस्टेबल स्तर पर 33 प्रतिशत पदों को आरक्षित करने का निर्णय लिया था और सीमा की सुरक्षा में लगे बलों यानी बीएसएफ, एसएसबी और आईटीबीपी में कांस्टेबल स्तर पर 14-15 प्रतिशत पदों के लिए यह व्यवस्था हो इसका निर्णय किया था। समिति यह जानकर निराश है कि सीएपीएफ की कुल संख्या में महिलाओं की संख्या केवल 3.68 फीसदी है।
समिति ने सुझाव दिया कि गृह मंत्रालय को सीएपीएफ में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। विशेष रूप से सीआईएसएफ और सीआरपीएफ में महिलाओं के लिए चरणबद्ध भर्ती अभियान फास्ट ट्रैक पर चलाया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया कि समिति आगे सिफारिश करती है कि सीमा चौकियों में अलग व्यवस्था बनाकर अनुकूल माहौल बनाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि महिलाओं को सुरक्षा बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जा सके।
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