दिल्ली। मोदी सरकार ने स्पेक्ट्रम नीलमी (Spectrum Allocation) के प्रोसेस को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क (Elon Musk) द्वारा स्पेक्ट्रम नीलमी प्रक्रिया पर भारतीय अरबपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी रिलायंस जियो (Reliance Jio) और सुनील मित्तल की कंपनी भारती एयरटेल की ओर से की जा रही नीलामी प्रोसेस की पैरवी पर आपत्ति जताने के बाद सरकार ने ये कदम उठाया है. टेलीकॉम मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने घोषणा करते हुए कहा कि सैटेलाइट ब्रॉडबैंड के लिए स्पेक्ट्रम को प्रशासनिक तरीके से आवंटित किया जाएगा.
सरकार ने मुकेश अंबानी और सुनील भारती मित्तल द्वारा पैरवी किए जाने वाले स्पेक्ट्रम नीलामी मार्ग के खिलाफ उपग्रह संचार (Satcom) स्पेक्ट्रम को प्रशासनिक रूप से आवंटित करने का फैसला किया है. गौरतलब है कि एलन मस्क की स्टारलिंक कंपनी भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में एंट्री की तैयारी में लगी हुई है. मस्क ने भारत में नीलामी की प्रक्रिया की आलोचना की थी और इस प्रोसेस को अभूतपूर्व करार दिया था.
Elon Musk दुनिया के सबसे अमीर इंसान हैं और अपनी कंपनी स्टारलिंक (Starlink) के साथ भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में एंट्री लेने के लिए तैयार हैं और स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर जारी हर हलचल पर पैनी नजर बनाए हुए हैं. यहां बता दें कि एलन मस्क हमेशा से ही स्पेक्ट्रम नीलामी के प्रोसेस के आलोचक रहे हैं, लेकिन इस नीलामी प्रक्रिया को रिलायंस चेयरमैन मुकेश अंबानी हमेशा से ही प्राथमिकता देते रहे हैं.