बस किराया बढ़ाने को लेकर सरकार लेगी जल्द फैसला, MLA का बयान

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Update: 2024-07-15 01:23 GMT

कर्नाटक karnataka news । कर्नाटक में महिलाओं को Free bus service फ्री बस सेवा देना राज्य सरकार लिए महंगा पड़ गया है. फ्री सर्विस का नतीजा ये हुआ कि कर्नाटक स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन या KSRTC 295 करोड़ रुपये के घाटे में चला गया. अब कॉर्पोरेशन ने बस के किराए में 15-20 फीसदी का इजाफा करने के मांग के साथ एक प्रपोजल राज्य सरकार को सौंपी है. एनडब्ल्यूकेआरटीसी के चेयरमैन और कांग्रेस विधायक राजू कागे ने आरोप लगाया था कि राज्य में महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा प्रदान करने वाली शक्ति योजना की वजह से एनडब्ल्यूकेआरटीसी को घाटा हो रहा है. तुमकुर में केएसआरटीसी के अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक एसआर श्रीनिवास ने बताया कि बोर्ड मीटिंग में बस का किराया बढ़ाने का फैसला किया गया है. karnataka

Karnataka State Road Transport Corporation एसआर श्रीनिवास ने कहा, "परसों हमने बोर्ड मीटिंग की और उसमें हमने बस किराया बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया और इसकी जानकारी सीएम को दी है." उन्होंने कहा, "डीजल की कीमत बढ़ गई है, बस के पुर्जों की कीमत बढ़ गई है. हमें कर्मचारियों का वेतन भी बढ़ाना है. 2020 में उनके वेतन में संशोधन किया जाना था, वह नहीं किया गया. चाहे तेल हो या स्पेयर पार्ट्स सबकी कीमत बढ़ी है." karnataka

उन्होंने कहा, "बस एक आवश्यक सेवा है, अगर एक ड्राइवर नहीं आता है, तो एक गांव को उस दिन बस सेवा नहीं मिलेगी, अगर ऐसा हुआ, तो लोग हमें नहीं छोड़ेंगे. अब शक्ति योजना के बावजूद हमें पिछले 3 महीनों में 295 करोड़ का घाटा हुआ है." कांग्रेस विधायक ने बताया, "हम बस किराए में 15-20% की बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. हमें देखना होगा कि सीएम कितना किराया मंजूर करते हैं. अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो संगठन (केएसआरटीसी) बच नहीं पाएगा."

एनडब्ल्यूकेआरटीसी या उत्तर पश्चिमी कर्नाटक सड़क परिवहन निगम के अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक राजू कागे ने कहा, "हमें बस किराए में संशोधन करना होगा. हमने पिछले 10 सालों से किराया नहीं बढ़ाया है. चाहे डीजल हो, पेट्रोल हो, तेल हो या टायर, कीमतें बढ़ी हैं. इसलिए हम बस किराया बढ़ाने के बारे में सोच रहे हैं. उन्होंने कहा, "उत्तर पश्चिमी कर्नाटक सड़क परिवहन निगम घाटे में है, लेकिन फिर भी हम इसे मैनेज कर रहे हैं. शक्ति योजना जो पांच गारंटियों में से एक है उसकी की वजह से हम घाटे में हैं, लेकिन फिर भी सरकार इसे मैनेज कर रही है."


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