गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल चुनावी मोड में आते दिख रहे हैं. हार्दिक जनता के बीच जा रहे हैं साथ ही सरकार पर हमले भी बोल रहे हैं. हार्दिक पटेल कोरोना न्याय यात्रा के लिए मंगलवार को गुजरात के राजकोट पहुंचे थे. राजकोट से हार्दिक पटेल ने सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि कोरोना के समय विजय रुपाणी और उनका पूरा मंत्रिमंडल विफल हुआ. इसी वजह से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को चेहरे बदलने की जरूरत पड़ गई. चेहरे बदलने से पाप नहीं धुलेंगे.
हार्दिक पटेल ने कहा कि हमारे अध्यक्ष और नेता ने इस्तीफा दे दिया है. हालांकि हाईकमान ने अभी तक दोनों का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है. हार्दिक ने आगे कहा कि नई सरकार से कोई उम्मीद नहीं है. नई सरकार के मंत्रियों में शिक्षा का अभाव है. उत्तराखंड जैसे हालात पैदा हों तो हैरान होने वाली बात बिल्कुल भी नहीं हैं. शायद एक महीने बाद भूपेंद्र पटेल मुख्यमंत्री नहीं होंगे. उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस पार्टी जल्द ही गुजरात के लिए नए प्रभारी की नियुक्ति करेगी. ये प्रभारी विधानसभा 2022 में जीत के लक्ष्य के साथ जमीनी स्तर पर लोगों के बीच काम करेगा ओर संपर्क करेगा. हमारी पार्टी ने कोरोना महामारी के चलते कोई बदलाव नहीं किया है.
हार्दिक ने आरोप लगाया कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सरकार अस्पतालों में पर्याप्त बेड और रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध करा पाने में विफल रही जिसके कारण कई लोगों की जान चली गई. इसके चलते गुजरात के मुख्यमंत्री और मंत्रियों को बदलने की जरूरत पड़ी. दिल्ली से गुजरात चलाने वाली सरकार आगे नहीं बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस मुद्दों पर चुनाव लड़ती है और बीजेपी जाति पर चुनाव लड़ती है. गुजरात में कांग्रेस की ये न्याय यात्रा 16 अगस्त से शुरू हुई थी. पार्टी की ओर से दो हफ्ते में 22 हजार से अधिक परिवारों से मुलाकात कर सहानुभूति प्रकट किया गया. पार्टी कोरोना के कारण अपनों को खो चुके लोगों की बात सरकार तक पहुंचाने के लिए अब तक 31 हजार 850 मृतकों के परिजनों से फार्म भी एकत्रित किए हैं. कांग्रेस का कहना है कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कोरोना के कारण गुजरात में 10081 लोगों की मौत हुई. वास्तविक मौत की संख्या सरकारी आंकड़ों से तीन गुना अधिक है.