चारधाम यात्रा से रोक हटवाने के लिए उत्तराखंड हाईकोर्ट पहुंची सरकार, 16 सितंबर को होगी सुनवाई
चारधाम यात्रा पर लगी रोक हटवाने के लिए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में प्रार्थना की है।
उत्तराखंड। चारधाम यात्रा पर लगी रोक हटवाने के लिए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में प्रार्थना की है। सुप्रीम कोर्ट से विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) वापस लेने के बाद सरकार अब यात्रा शुरू करने पर लगी रोक हटवाने के लिए प्रयासरत है। शुक्रवार को हाईकोर्ट के मुख्य स्थायी अधिवक्ता (सीएससी) चंद्रशेखर रावत ने इस मामले को उठाया।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सरकार की प्रार्थना को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई के लिए 16 सितंबर की तिथि नियत की है। जून 2021 में हाईकोर्ट ने कोविड से संबंधित जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अधूरी तैयारियों, स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी, कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन के लिए पर्याप्त इंतजाम न होने के आधार पर चारधाम यात्रा पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। इसके बाद राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के इस आदेश को एसएलपी के जरिये सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर सुनवाई नहीं हुई थी।
इधर, चारधाम यात्रा शुरू करने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहितों और व्यवसायियों ने भी आंदोलन शुरू कर दिया था। बीते दिनों महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने मुख्य न्यायाधीश के समक्ष यात्रा पर लगी रोक हटाने के लिए प्रार्थना की थी। इस पर हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी विचाराधीन होने का हवाला देते हुए इस पर विचार करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी एसएलपी वापस ले ली थी।
चारधाम यात्रा शुरू करने को लेकर हरीश रावत ने रखा उपवास
चारधाम यात्रा शुरू कराए जाने को लेकर कांग्रेस भी मुखर हो गई है। चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष और पूर्व सीएम हरीश रावत ने जहां इस मुद्दे को लेकर सांकेतिक उपवास रखा, वहीं प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से शीघ्र चारधाम यात्रा शुरू कराए जाने की मांग की है।
शुक्रवार को पूर्व सीमए हरीश रावत कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ ओल्ड मसूरी रोड स्थित अपने आवास पर उपवास पर बैठे। उन्होंने कहा कि कोरोना के तीसरे संक्रमण की चेतावनी भी है, मगर जिंदगी का क्रम भी चलता रहना चाहिए। सरकार कुछ सावधानियां बरतकर चारधाम यात्रा का आयोजन कर सकती है।
इधर, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि यह पूरा सीजन यदि ऐसे ही चला गया तो फिर पूरा एक वर्ष तीर्थ यात्रियों व पर्यटकों के लिए समाप्त हो जाएगा। यात्रा से जुड़े लोगों और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पर इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा। इधर, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने भी मीडिया के माध्यम से यात्रा खोले जाने की मांग की है। प्रीतम ने कहा कि जब राजनीतिक पार्टियां अपने कार्यक्रम कर सकती हैं, तमाम दूसरे आयोजन हो सकते हैं, ऐसे में चारधाम यात्रा पर ही प्रतिबंध क्यों है। उन्होंने कहा सरकार खुद अनिर्णय की स्थिति में है। सरकार चाहती ही नहीं है कि यात्रा शुरू हो। इधर, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भी चारधाम यात्रा खोलने जाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के उपवास के समर्थन में टिहरी में सांकेतिक उपवास किया।
अब तीर्थपुरोहित जनता को साथ लेकर लड़ेंगे लड़ाई
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के लिए आंदोलनरत तीर्थपुरोहित समाज अब जनता के साथ मिलकर लड़ाई का मन बना चुका है। इसके तहत इन दिनों तीर्थपुरोहित केदारघाटी सहित अन्य क्षेत्र के गांवों का भ्रमण कर जन संवाद कर रहे हैं।
केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला सहित अन्य पदाधिकारी व वरिष्ठ तीर्थपुरोहित केदारघाटी, तुंगनाथ घाटी, कालीमठ घाटी व कालीमठ घाटी के साथ चंद्रापुरी, भीरी और अन्य गांवों का भ्रमण कर रहे हैं। इस दौरान देवस्थानम बोर्ड के विरोध व यात्रा शुरू कराने की मांग को लेकर जनता का संपर्क जुटाया जा रहा है।
तीर्थपुरोहित आचार्य संतोष त्रिवेदी ने बताया कि गुप्तकाशी से छेनागाड़ तक लगे 30 से अधिक गांवों के साथ ही मद्महेश्वर घाटी के गांवों में जन संवाद कार्यक्रम पूरा हो चुका है। उधर, केदारनाथ में केदार सभा के महामंत्री कुबेरनाथ पोस्ती के नेतृत्व में तीर्थपुरोहितों का क्रमिक अनशन 25वें दिन भी जारी रहा।