सरकार ने चीनी का आकलन करने के लिए इस्मा की खिंचाई की

Update: 2023-08-05 10:14 GMT

खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने शुक्रवार को उद्योग संगठन ‘इस्मा’ की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उसके चीनी उत्पादन का आकलन समय से काफी पहले कर घबराहट की स्थिति पैदा कर दी है। सचिव ने कहा कि वह इस मुद्दे पर इस्मा के साथ चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि अक्टूबर में शुरू होने वाले चीनी सत्र 2023-24 के लिए गन्ना और चीनी उत्पादन की भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी। चोपड़ा ने जोर देकर कहा कि आगामी त्योहारी मौसम के दौरान चीनी और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतें स्थिर रहेंगी। इस सप्ताह की शुरुआत में भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने वर्ष 2023-24 सत्र (अक्टूबर-सितंबर) के लिए चीनी उत्पादन का शुरुआती अनुमान जारी किया था। इस्मा ने कहा था कि चालू सत्र के 328 लाख टन के मुकाबले 2023-24 के सत्र में चीनी उत्पादन 317 लाख टन रहेगा। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चोपड़ा ने कहा कि इस्मा ने अगले सत्र के लिए 317 लाख टन चीनी उत्पादन और एथनॉल उत्पादन के लिए 45 लाख टन चीनी स्थानांतरित किये जाने का अनुमान लगाया है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इससे एक तरह की घबराहट हो रही है कि देश में चीनी की कमी है। हमने सोचा कि हमें स्पष्ट करना चाहिए। अक्टूबर से शुरू होने वाली अगली फसल में चीनी का उत्पादन कितना होगा, इसका आकलन करना बहुत जल्दबाजी है।’’ उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, गन्ने का रकबा वास्तव में पिछले साल के 53 लाख हेक्टेयर से बढ़कर इस साल 56 लाख हेक्टेयर हो गया है। उन्होंने कहा कि रकबा बढ़ गया है। हालांकि, कम बारिश को लेकर चिंता बनी हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘मोटे तौर पर हमने पाया है कि फसल उचित स्थिति में है और घबराने की कोई बात नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि फसल अभी भी परिपक्वता के चरण में है और लगभग एक महीने के बाद गन्ना उत्पादन के बारे में अधिक निश्चितता के साथ पता चलेगा। चीनी की उपलब्धता के संदर्भ में सचिव ने कहा कि देश में 108 लाख टन चीनी है, जबकि अगस्त और सितंबर में मांग को पूरा करने के लिए 46-48 लाख टन चीनी की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा, ‘‘फिर भी चीनी की वर्तमान उपलब्धता मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त से अधिक है।

इसलिए घबराने की कोई बात नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि देश में चीनी की कुल खपत लगभग 275 लाख टन है। चोपड़ा ने कहा, ‘‘आगामी त्योहारी मौसम में हम चीनी, खाद्य तेल, चावल या गेहूं की कीमतों में किसी भी तरह की बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं कर रहे हैं। कीमतें स्थिर रहेंगी।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार इस्मा के खिलाफ कार्रवाई करेगी, चोपड़ा ने कहा, ‘‘हम उनसे अलग से बात करेंगे क्योंकि समय से पहले अनुमान लगाने का कोई मतलब नहीं है, वह भी आप काफी कम उत्पादन का अनुमान लगा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि आप किन आंकड़ों को सामने ला रहे हैं, इसके बारे में आपको ‘‘अधिक जिम्मेदार और सतर्क’’ रहना होगा। उन्होंने कहा कि जाहिर तौर पर इससे बाजार में एक धारणा कायम होती है।

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