सरकार ने किया कचरा समस्या के समाधान खोजने के लिए वेब पोर्टल का लांच

गांधी जयंती के अवसर पर सरकार ने शनिवार को एक वेब पोर्टल लांच किया।

Update: 2021-10-02 16:13 GMT

नई दिल्ली, गांधी जयंती के अवसर पर सरकार ने शनिवार को एक वेब पोर्टल लांच किया। यह देश की अपशिष्ट (कचरा) समस्याओं का समाधान खोजने के लिए प्रौद्योगिकी प्रदाताओं, सरकारी हितधारकों और शहरी स्थानीय निकायों को एक साथ लाएगा। प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार विजय राघवन ने कहा कि 'वेस्ट टू वेल्थ' पोर्टल का उद्देश्य सतत विकास के लिए सहयोग को सक्षम बनाना है।

राघवन ने ट्वीट किया कि गांधी जयंती पर, स्वच्छ भारत, उन्नत भारत मिशन को आगे बढ़ाते हुए, मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय ने अर्थव्यवस्था और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से सतत विकास के लिए सहयोग बढ़ाने के लिए 'वेस्ट टू वेल्थ' पोर्टल लांच किया। प्रधानमंत्री विज्ञान, तकनीक एवं नवोन्मेष सलाहकार परिषद के वेस्ट टू वेल्थ मिशन का उद्देश्य विकेंद्रीकृत वैज्ञानिक समाधानों को मान्य करने के लिए सहयोग को सक्षम करना है।
प्लास्टिक कचरा एकत्र करना भी है मुख्य उद्देश्य
स्वच्छ भारत अभियान दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान होगा। इसका उद्देश्य देश के विभिन्न हिस्सों से 75 लाख टन से अधिक कचरा और मुख्य रूप से प्लास्टिक कचरा एकत्र करना है। इसके बाद एकत्रित कचरे को 'वेस्ट टू वेल्थ' मॉडल में संसाधित किया जाएगा।
सरकार ने नए नियमों को अपनाया है जो प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पादन को कम करने के तरीके और साधन प्रदान करते हैं। कचरे के संग्रह और टिकाऊ प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए विस्तारित उत्पादक जिम्मेदारी को अपनाने, सड़क निर्माण, ऊर्जा और तेल उत्पादन में प्लास्टिक कचरे के रीसाइक्लिंग और उपयोग के लिए प्रदान करते हैं।
अपशिष्ट जीवन की घटनाओं और समाजों के विकास का एक प्राकृतिक उपोत्पाद है। यह अवांछित या अनुपयोगी सामग्री है जिसे इसके प्राथमिक उपयोग के बाद छोड़ दिया जाता है। उदाहरण के लिए पोशाक बनाने के बाद बचे हुए कपड़े आदि इसमें शामिल हैं। बता दें कि वेस्ट टू वेल्थ माडल 5R की अवधारणा पर आधारित है, जिसका मतलब रिफ्यूज, रिड्यूस, रीयूज, रीसायकल, रिकवर है।


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