महल जैसा सरकारी अस्पताल, यहां जन्मे 10 लाख बच्चे

Update: 2023-09-22 18:54 GMT
जोधपुर। जोधपुर का उम्मेद जनाना हॉस्पिटल। यहां रोजाना 80 से 100 बच्चों का जन्म होता है। यह प्रदेश का सबसे बड़ा जनाना हॉस्पिटल है। इसकी नींव मारवाड़ रियासत के तत्कालीन शासक महाराजा कर्नल उम्मेद सिंह ने 6 अप्रैल 1936 को रखी थी। अब 22 से 28 सितंबर तक हॉस्पिटल का 7 दिवसीय जन्मोत्सव समारोह मनाया जा रहा है। यह पहला मौका है जब किसी हॉस्पिटल का जन्मोत्सव कार्यक्रम तय किया गया है। इसके लिए इस हेरिटेज बिल्डिंग को लाइट से सजाया गया है। 7 दिन के जन्मोत्सव समारोह में मरीजों के लिए खास नवाचार होंगे।
उम्मेद अस्पताल उस वक्त का है जब देश आजाद नहीं हुआ था। यहां महिला स्वास्थ्य की दिशा में यादगार कदम उठाए गए। लगातार 85 साल से हॉस्पिटल बेहतरीन सेवाएं दे रहा है। आज भी यह पश्चिमी राजस्थान का इकलौता जनाना अस्पताल है। जन्मोत्सव समारोह के तहत अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जाएगा। पेशेंट के लिए कई नई सुविधाएं शुरू होंगी।
महाराजा कर्नल उम्मेद सिंह ने हॉस्पिटल की नींव रखी तो जोधपुर के भामाशाहों ने भी यादगार योगदान दिया। यह वो समय था जब महिलाओं के प्रसव और उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए पूरे राजस्थान में कोई संस्थान नहीं था। इसके निर्माण में सेठ चंपालाल खीचन और मूलराज गोलेच्छा ने 27 हजार रुपए का दान दिया। तब उन्हें सोना पालकी और कैफियत का सम्मान मिला। इमारत को महल जैसा हेरिटेज लुक दिया गया। इतनी मजबूत इमारत बनाई कि आज भी यह शान से खड़ी है।
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