सरकार ने की घोषणा, लता जी के नाम से संगीत अकादमी, संगीत महाविद्यालय और संगीत संग्रालय खोला जाएगा

Update: 2022-02-07 06:07 GMT

भोपाल: भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन से जहां पूरा देश शोक में डूबा हुआ है तो वहीं उनकी जन्मस्थली मध्यप्रदेश में भी दुख का माहौल है. लता मंगेशकर के निधन के बाद शिवराज सरकार उनकी याद में संगीत अकादमी से लेकर संग्रहालय तक खोलने जा रही है.

सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 'मध्यप्रदेश के इंदौर में जन्मी लता मंगेशकर के नाम से इंदौर में एक संगीत अकादमी, संगीत महाविद्यालय और एक संगीत संग्रालय खोला जाएगा. इस संग्रहालय में लता जी ने जब भी, जो भी गाया है, वह उपलब्ध रहेगा. यही नहीं, लता मंगेशकर की जन्मस्थली इंदौर में उनकी प्रतिमा भी लगाई जाएगी. इसके अलावा लता मंगेशकर के जन्मदिन पर हर साल उनके नाम से ही 'लता मंगेशकर पुरस्कार' दिया जाएगा.
आपको बता दें कि लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था. उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर और मां का नाम शेवन्ति मंगेशकर था. पहले उनका नाम हेमा रखा गया था लेकिन बाद में एक पिता दीनानाथ के एक थियेटर प्ले की महिला किरदार के नाम पर उनका नाम बदलकर लता मंगेशकर रखा गया था.
बता दें कि रविवार को पंडितों के मंत्र उच्चारण के बीच लता मंगेशकर को उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने मुखग्नि दी. लता मंगेशकर पंच तत्वों में विलीन हो चुकी हैं. उनके अंतिम समय में उनका परिवार उनके साथ रहा. अब बस उनकी यादें हमारे पास रह गई हैं.
तिरंगे में लिपटकर लता मंगेशकर अपने अंतिम सफर पर रवाना हुई थीं. हजारों लोगों की भीड़ लता के अंतिम संस्कार में उमड़ी. लता मंगेशकर को राजकीय सम्मान के साथ श‍िवाजी पार्क में अंत‍िम विदाई दी गई. जल, थल और वायु सेना के अधिकारियों, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नेता-राजनेता, बॉलीवुड और स्पोर्ट्स के सेलेब्स ने मिलकर लता मंगेशकर को आखिरी अलविदा कह दिया. मुंबई के शिवाजी पार्क में पूरे राजकीय सम्मान के साथ लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार किया गया.



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