खुशखबरी! दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन Sputnik V का भारत में होगा ट्रायल, मिली मंजूरी
कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर अच्छी खबर है.एक बार इनकार के बाद आखिरकार रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक फाइव को भारत में ट्रायल की इजाजत मिल गयी है. ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने डॉ. रेड्डीस लैब को दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी दे दी है.
बता दें कि रूस की इस वैक्सीन को लेकर दुनियाभर में काफी विवाद रहा है, इसके परीक्षण को लेकर सवाल उठते रहे हैं. डीसीजीआई यानी ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने भी शुरुआत में डॉ. रेड्डीस लैब के प्रस्ताव पर सवाल उठाए थे.
डीसीजीआई का कहना था कि रूस में इसे बेहद छोटी आबादी पर टेस्ट किया गया है, इसलिए इसे मंजूरी देना सुरक्षित नहीं होगा. लेकिन अब आखिरी कार इसके फेस थ्री के ट्रायर को मंजूरी मिल गयी है, इसे भारत में रजिस्ट्रेशन के बाद 40,000 वॉलेन्टियर्स पर ट्रायल किया जाएगा.
सितंबर में डॉ. रेड्डीस लैब और रूस के आरडीआईएफ ने भारत में स्पूतनिक फाइव के ट्रायल को लेकर पार्टनरशिप की थी. लेकिन डीसीडीआई ने इसके लिए मंजूरी नहीं दी थी. बता दें कि दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत भारत को वैक्सीन एक करोड़ डोज मिलेंगे.
डॉ. रेड्डीस लैब के को चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर जीवी प्रसाद ने कहा, ''हम पूरी प्रक्रिया में डीसीजीआई की वैज्ञानिक कठोरता और मार्गदर्शन को स्वीकार करते हैं. हमें ट्रायल की मजूरी मिलना बहुत बड़ा कदम है. हम महामारी से निपटने के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी टीका लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं."
बता दें कि 11 अगस्त को रूस ने दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन बनाने का एलान किया था. यह एलान खुद राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने किया था. उन्होंने यह भी कहा था कि वैक्सीन की एक जोड मेरी बेटी को भी दी गयी है. उसके लिए अंदर एंटीबॉडीज बने हैं.
दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन है स्पुतनिक
स्पूतनिक वी वैक्सीन को आरडीआईएफ और गेमालेया नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है. रूस ने कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन Sputnik- V को अनुमति दी थी, जो दुनियाभर में कोविड-19 की पहली वैक्सीन है. इसके बाद रूस ने 14 अक्टूबर को दूसरी कोरोना वैक्सीन EpiVacCorona को मंजूरी दे दी है.