खुशखबरी! जेल में बंद कैदियों को सरकार ने दिया होली का तोहफा, 1000 से ज्यादा छोड़े जाएंगे

समय से पूर्व छोड़ने का निर्णय लिया है.

Update: 2021-03-29 07:19 GMT

राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने करीब 1200 बंदियों को समय से पूर्व छोड़ने का निर्णय लिया है. प्रदेश की सरकार के मुताबिक इन बंदियों को राजस्थान दिवस, यानी कि 30 मार्च के दिन छोड़ा जाएगा.

इस निर्णय के बारे में बताते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा "राजस्थान दिवस के अवसर पर प्रदेश की जेलों में लंबे समय से सजा भुगत रहे करीब 1200 बंदियों को समय से पहले रिहा किया जाएगा. इनमें सदाचार पूर्वक अपनी अधिकांश सजा भुगत चुके अथवा गंभीर बीमारियों से ग्रसित एवं वृद्ध बंदी शामिल हैं"
गहलोत ने आगे कहा "अपने निवास पर जेल विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि बलात्कार, ऑनर किलिंग, मॉब लिंचिंग, पॉक्सो एक्ट, तेजाब हमले से संबंधित अपराध, आर्म्स एक्ट, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, एनडीपीएस एक्ट, आबकारी अधिनियम, पीसीपीएनडीटी एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, गौवंश अधिनियम, आवश्यक वस्तु अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम इत्यादि के तहत सजा भुगत रहे बंदियों सहित 28 विभिन्न श्रेणियों के जघन्य अपराधों में लिप्त अपराधियों को कोई राहत नहीं मिलेगी."
राज्य सरकार के मुताबिक इस निर्णय से ऐसे बंदी, जो कैंसर, एड्स, कुष्ठ एवं अन्य गंभीर रोगों से ग्रसित हैं, को रिहा किया किया जाएगा ताकि वे कोविड संक्रमण के खतरे से बच सकें. इस निर्णय से ऐसे बंदी जो कैंसर, एड्स, कुष्ठ एवं अन्य गंभीर रोगों से ग्रसित अथवा दृष्टिहीन हैं और अपने दैनिक क्रियाकलापों के लिए दूसरों पर निर्भर है, उन्हें रिहा किया जा सकेगा. अपराध में दण्डित वृद्ध पुरुष, जिनकी आयु 70 वर्ष तथा महिलाएं, जिनकी आयु 65 वर्ष या इससे अधिक है और सजा का एक तिहाई भाग भुगत चुके हैं, उन्हें समय पूर्व रिहाई मिलेगी.
महानिदेशक जेल श्री राजीव दासोत ने बताया कि समय पूर्व रिहाई पाने वाले ऐसे कैदियों की संख्या सबसे अधिक है, जो आजीवन कारावास से दण्डित हैं और 14 वर्ष की सजा भुगत ली है एवं ढाई वर्ष का परिहार प्राप्त कर लिया है. ऐसे बंदियों को वर्तमान में स्थायी पैरोल पर होने की स्थिति में ही रिहा किया जा सकेगा. इस पहल से ऐसे परिवारों को खुशियां मिलेंगी, जिनके परिजन आजीवन कारावास की सजा का अधिकांश हिस्सा भुगत चुके.
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