वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने वालों के लिए खुशखबरी, संक्रमण होने का खतरा तीन गुना तक कम

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Update: 2021-08-05 18:13 GMT

नई दिल्ली. कोरोना वायरस रोधी वैक्सीन की दोनों खुराकें लेने वाले लोगों के संक्रमण होने का खतरा तीन गुना तक कम हो जाता है. यूके के एक अध्ययन में यह बात सामने आई है. कोविड-19 संक्रमण को लेकर यूके के सबसे बड़े अध्ययनों में से एक रियल टाइम असेसमेंट ऑफ कम्युनिटी ट्रांसमिशन (REACT-1) स्टडी के मुताबिक इंग्लैंड में संक्रमण पिछली REACT-1 रिपोर्ट के बाद से 0.15 प्रतिशत से 0.63 प्रतिशत तक चार गुना बढ़ गया है, ये 20 मई से 7 जून तक की अवधि के लिए था. हालांकि इसके नतीजों में 12 जुलाई से मामलों में कमी देखी जा रही है.

इंपीरियल कॉलेज लंदन और इप्सोस मोरी द्वारा किए गए विश्लेषण में 24 जून से 12 जुलाई के बीच इंग्लैंड में अध्ययन में भाग लेने वाले 98000 से ज्यादा वॉलंटियर्स के जरिए यह पता चला कि दोनों वैक्सीन लगवा चुके लोग बहुत कम वायरस को एक से दूसरे में पहुंचाते हैं. यूके के हेल्थ सेक्रेटरी साजिद जावेद ने कहा, "हमारा वैक्सीनेशन कार्यक्रम सुरक्षा की दीवार का निर्माण कर रहा है, जिसका मतलब है कि हम प्रतिबंधों को सावधानी से कम कर सकते हैं और अपनी पसंदीदा चीज़ों की ओर वापस जा सकते हैं, लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि हमें इस वायरस के साथ रहना सीखना है."
वैक्सीन सुरक्षित हैं
जावेद ने कहा कि "यह रिपोर्ट व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेने के महत्व को दिखाती है यदि आप किसी संक्रमित के संपर्क में आते हैं, यदि आपको लक्षण हैं तो परीक्षण करवाएं और जहां तक हो सके फेस कवरिंग करें. मैं वैक्सीन लगवाने जा रहे सभी लोगों से आग्रह करता हूं जिन्हें अभी तक वैक्सीन नहीं लगी है वह दोनों टीके लें, वैक्सीन सुरक्षित हैं और ये काम कर रही हैं."
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (PHE) के डेटा से पता चलता है कि यूके में लगाए जा रहे टीके कोरोना के सभी वेरिएंट्स पर "अत्यधिक प्रभावी" हैं.
जहां फाइजर/बायोएनटेक वैक्सीन 96 फीसदी प्रभावी है और ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका वैक्सीन दोनों खुराक के बाद अस्पताल में भर्ती होने के चांस 92 फीसदी तक घट जाते हैं. पीएचई का अनुमान है कि इंग्लैंड में टीकाकरण कार्यक्रम के चलते 2.2 करोड़ संक्रमण, लगभग 52,600 अस्पताल में भर्ती होने और 35,200 से 60,000 मौतों के मामले कम हुए हैं.
यूके के वैक्सीनेशन मंत्री नादिम ज़ाहवी ने कहा, "ये नतीजे उन लोगों के साथ टीकाकरण कार्यक्रम के पॉजिटिव प्रभाव को दिखाते हैं, जो बिना टीकाकरण वाले लोगों की तुलना में तीन गुना कम वायरस प्राप्त करने की संभावना रखते हैं और उनके आसपास के लोगों को इस भयानक बीमारी से गुजरने की संभावना कम होती है."
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