BJP के लिए खुशखबरी? फिर से एनडीए में वापसी कर सकती है SBSP, ओमप्रकाश राजभर ने दिया ये बयान

Update: 2021-08-03 05:45 GMT

फाइल फोटो 

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अलग-अलग दलों के नेताओं की सियासी जोड़तोड़ की कोशिश शुरू हो गई है. बीजेपी (BJP) के यूपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) ने मुलाकात की है. राजभर के एनडीए में शामिल होने के कयास एक बार फिर से लगाए जा रहे हैं.

इस मुलाकात के दौरान यूपी बीजेपी उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह भी ओमप्रकाश राजभर के साथ मौजूद थे. न्यूज़ चैनल आजतक से बात करते हुए ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि शिष्टाचार भेंट के तौर पर मैं और दयाशंकर सिंह यूपी प्रदेश अध्यक्ष से मिलने गए थे. राजभर ने कहा कि मैंने बीजेपी में मंत्री पद छोड़ा. बीजेपी के टिकट पर लड़ा होता तो शायद सांसद बनकर दिल्ली भी गया होता. मेरी बीजेपी से जो लड़ाई है वो देश में पिछड़ी जाति के जातिवार जनगणना जो हो रही है उसको लेकर है.
ओमप्रकाश राजभर ने कहा, 'बीजेपी से दूसरा संघर्ष सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने के लिए था, जिसपर तीन साल से कुछ नहीं हुआ है. तीसरा हमारा मुद्दा है एक समान शिक्षा और मुफ्त शिक्षा गरीब और कमजोर लोगों को दिलाई जाए. 33 प्रतिशत रिजर्वेशन महिलाओं का है जो लोकसभा में विचाराधीन है. सत्ता से बाहर रहने पर लोग इसे लागू कराने और शराबबंदी की बात करते हैं.'
इस सवाल पर कि अगर बीजेपी उनकी इस मांग को मान लेती है तो क्या वो दोबारा एनडीए में जा सकते हैं, दोबारा बीजेपी के साथ चुनाव लड़ सकते हैं? इसपर उन्होंने कहा कि बीजेपी पहले ये चीजें लागू करे. उसके बाद 52 प्रतिशत आबादी पिछड़ों की है. पिछड़े के बेटे को सीएम बनाने की घोषणा हो. बल्कि इस बात की अभी घोषणा कर दी जाए.
असदुद्दीन ओवैसी संग गठबंधन की चर्चाओं पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी उनके मोर्चे, भागीदारी मोर्चा का अभी तक आधिकारिक तौर पर हिस्सा नहीं हैं. ओमप्रकाश राजभर ने पूछा कि क्या आप कोई ऐसा वक्तव्य दिखा सकते हैं कि असदुद्दीन ओवैसी कभी भागीदारी मोर्चा में शामिल होने की घोषणा की गई हो. ओमप्रकाश राजभर के मुताबिक बीजेपी उनकी शर्ते मान ले जातीय जनगणना और सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट बीजेपी लागू कर दे तो वह एनडीए का हिस्सा बन जाएंगे.
यूपी बीजेपी के उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने आज तक से बातचीत में कहा कि उनकी कोशिश है कि ओमप्रकाश राजभर को एनडीए में लाया जाए क्योंकि राजनीति में कोई परमानेंट मित्र या शत्रु नहीं होता है. ओमप्रकाश राजभर प्रधानमंत्री मोदी की दलित और पिछड़े वर्गों के लिए किए गए कार्यों के समर्थक रहे हैं. प्रधानमंत्री के प्रशंसक रहे हैं. ऐसे में वह हमारे साथ दोबारा आ सकते हैं जब वह बीजेपी छोड़ कर के भी गए थे तो कोई वैचारिक वजह नहीं थी बल्कि टिकट का मामला था इसलिए वह दोबारा आ सकते हैं.
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