इस्कॉन मायापुर की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मायापुर में श्रील प्रभुपाद ने वैदिक तारामंडल की आधारशिला रखी थी. उन्होंने अपने भक्त अंबरीश दास (कानूनी नाम अल्फ्रेड फोर्ड) (फोर्ड कार निर्माता वारिस ) को एक भव्य मंदिर बनाने का निर्देश दिया था, जो दुनिया भर के लोगों को आकर्षित कर सके. यह वर्तमान में निर्माणाधीन है और दो साल के समय में इसका उद्घाटन किया जाएगा. हजारों एकड़ में फैले इस मंदिर की खासियत यह है कि इसमें एक बार में 10000 लोगों के बैठने के अलावा एक तारामंडल भी होगा, जो भगवान श्रीकृष्ण की सृष्टि लीला को प्रदर्शित करेगा. इस वर्ष इस्कॉन मायापुर में मनाए जा रहे भगवान श्री चैतन्य महाप्रभु की दिव्य उपस्थिति वर्षगांठ गौर पूर्णिमा की स्वर्ण जयंती भी है.
इस्कॉन मायापुर के सह निदेशक ब्रजविलास दास ने बताया कि स्वर्ण जयंती उत्सव मनाने के लिए बड़े पैमाने पर समारोह की योजना बनाई गई है. परिसर में श्री राधा माधव की मूर्तियों की भव्य रथ यात्रा निकाली जाएगी. भक्तों द्वारा घी, दही, शहद, दूध, फलों के रस, इत्र, यज्ञ, हरिनाम संकीर्तन से देवताओं का अभिषेक किया जाएगा. भगवान को 50 किलो का बड़ा केक चढ़ाया जाएगा. इस्कॉन मायापुर के मीडिया प्रवक्ता सुब्रतो दास ने कहा कि अंतिम दिन पूरे मंदिर परिसर को 50,000 घी के दीयों से जगमगाया जाएगा. उत्सव में भाग लेने के लिए करीब 90 देशों के हजारों भक्त पहुंच रहे हैं. पांच दिवसीय उत्सव के दौरान प्रत्येक दिन शाम को अंतर्राष्ट्रीय और भारतीय भक्तों द्वारा विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे.
दूसरी ओर, इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने ट्वीट किया कि इस्कॉन के भक्त भारतीय छात्रों की सेवा कर रहे हैं, जो यूक्रेन से हंगरी से भारत वापस जाने के लिए उड़ान भरने के लिए आ रहे हैं. हंगरी में भारत के पूर्व राजदूत राजदूत कुमार तुहिन ने इस्कॉन के प्रयासों की सराहना की है. हंगरी में भक्तों ने हंगरी आने वाले छात्रों और यूक्रेन के अन्य शरणार्थियों मदद कर रहे हैं. हंगरी में भारतीय दूतावास ने यूक्रेन से आने वाले शरणार्थियों को भोजन और पानी उपलब्ध कराने के लिए इस्कॉन की मदद मांगी है.