राजकोट। कोरोना महामारी की वजह से त्यौहारी-आयोजनों पर इस बार भी कुछ गाइडलाइंस जारी की गई हैं। हालांकि, कोरोना वैक्सीनेशन के चलते लोगों में अब महामारी का खौफ शायद है नहीं, क्योंकि आयोजनों में खूब भीड़ नजर आ रही है। गुजरात में इस बार गरबा-नृत्य के आयोजन हो रहे हैं। लड़के-लड़कियां ऐसे आयोजनों में हिस्सा लेने के लिए उत्साहित नजर आ रहे हैं। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के गृहजनपद राजकोट में गरबे के दौरान लड़कियों ने पीपीई किट पहनी। आयोजकों ने कहा कि, ऐसा लड़कियों ने लोगों को जागरुक करने के लिए किया।
राजकोट में भारी संख्या में लोगों की मौजूदगी के बीच हुए गरबे पर आयोजकों ने कहा, "आश्विन नवरात्रि के इन दिनों हमारे यहां गरबा बिना किसी खतरे के हो रहा है। दर्शक अलग जुटे और नृत्यकाएं पीपीई किट में आईं। उन्होंने पीपीई किट में गरबा कर लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक किया और टीकाकरण का भी संदेश दिया।" बता दिया जाए कि, कोरोना महामारी के संक्रमण के मामलों में भारी गिरावट होने पर सरकार ने कोविड गाइडलाइंस में रियायत दी है। सरकार ने त्यौहारी-आयोजनों को लेकर कुछ छूट दी हैं, जिससे लोग इस बार उत्सव का आनंद ले सकेंगे।
गुजरात में गरबा रुके नहीं, इसलिए बना दी PPE वाली ऐसी पोशाक, कहा- इसे पहनेंगे तो दूर रहेगा कोरोना गुजरात में गरबा रुके नहीं, इसलिए बना दी PPE वाली ऐसी पोशाक, कहा- इसे पहनेंगे तो दूर रहेगा कोरोना
इससे पिछले साल यानी कि, 2020 में सरकार ने न गरबा, न दशहरा-मेले आयोजनों को अनुमति दी थी। सरकार की ओर से कहा गया था कि, महामारी की वजह से नवरात्रि-दिवाली जैसे त्यौहार घर में ही मनेंगे। गाइडलाइन में स्पष्ट कर दिया गया था कि, गुजरात में कहीं भी गरबा का आयोजन नहीं होगा। साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर 200 से अधिक लोगों के एकत्र होने की अनुमति नहीं होगी। सरकारी गाइडलाइंस में कहा गया था कि, यदि आदेशों को नजर अंदाज करके कोई मैदानों के अलावा मोहल्ले या गलियों में भी गरबे के आयोजन कराएगा, तो संबंधित संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मगर..इस बार स्थिति काफी अलग है, लोग गरबा करते नजर आ रहे हैं।