गुस्से में छात्राओं ने खोली पोल, सारी मैम बैठकर चैट करती है

सड़क जाम कर दी.

Update: 2023-09-15 04:47 GMT
भागलपुर: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने नया फरमान जारी किया है. इसमें कहा गया है कि जो बच्चे स्कूल में 75 प्रतिशत उपस्थित नहीं होंगे, उनका नाम काट दिया जाएगा. इस आदेश के बाद भागलपुर जिले की सरकारी स्कूल की सैकड़ों छात्राओं ने स्कूल में मूलभूत सुविधाओं को लेकर प्रदर्शन किया और सड़क जाम कर दी.
छात्राओं का कहना था कि हम लोग जिस स्कूल में 6 घंटे बिताते हैं, वहां न तो पानी की व्यवस्था है, न ही बिजली की व्यवस्था है और न ही बैठने के लिए बेंच हैं. इसके अलावा स्कूल में शौचालय भी साफ-सुथरा नहीं रहता. आखिर हम 6 घंटे कैसे बिताएं? इसका जवाब कौन देगा? स्कूल में बिजली नहीं रहने से हम लोगों की तबीयत खराब हो जाती है. पानी को लेकर हम लोग परेशान हो जाते हैं. आखिर यह कब तक चलेगा?
इन मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहीं छात्राओं ने कहा कि स्कूल में व्यवस्थाएं जल्द से जल्द दुरुस्त की जाएं, वरना यह आंदोलन और तेज होगा. छात्राओं ने घंटों तक भागलपुर जगदीशपुर मुख्य मार्ग को जाम रखते हुए प्रदर्शन किया. छात्राओं ने कहा कि स्कूल की हालत खराब है, वहीं दूसरी ओर 75 प्रतिशत उपस्थिति नहीं होगी तो नाम काट दिया जाएगा. स्कूल में मैम खुद दिनभर मोबाइल पर चैटिंग करती रहती हैं. उसके बाद जो समय बचता है तो सोई रहती हैं. जब हम लोग पढ़ाई की बात करते हैं तो वह साफ तौर पर कहती हैं कि मुझे पढ़ाई कराना नहीं आता है.
सड़क पर बच्चियों के जुलूस की वजह से गाड़ियां रुक गईं. ये बच्चियां सरकारी स्कूल की थीं, जो अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतर आईं थीं. एक कतार में अनुशासन के साथ नारे लगाते हुए. इनके साथ न कोई टीचर था, नहीं कोई नेता, लेकिन ऐसे चल रहीं थीं, जैसे आंदोलनों में उम्र खपाई हो. प्रदर्शन को कई घंटे हो गए. बच्चों को आश्वासन दिया गया है. उम्मीद है कि स्कूल में होने वाली सारी समस्याएं हल हो जाएंगी.
इस मामले को लेकर भागलपुर जगदीशपुर के जिला शिक्षा परियोजना पदाधिकारी मोहम्मद जमाल मुस्तफा ने कहा कि मुझे जैसे ही जानकारी मिली कि छात्राओं ने मूलभूत सुविधाओं को लेकर सड़क को जाम कर दिया है तो मैं तुरंत घटनास्थल पर पहुंचा. छात्राओं से मिला, उनका कहना है कि स्कूल में पंखा, पेयजल, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं जल्द से जल्द दुरुस्त हों. अब मांगों को जल्द से जल्द विकास फंड और छात्र कोष फंड से पूरा कर दिया जाएगा. अगर बच्चों को प्रताड़ित करने की बात में सच्चाई होगी तो प्राचार्य और अन्य शिक्षकों पर कार्रवाई भी होगी.
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