छात्रा की खूब हो रही तारीफें, पहाड़ी भाषा में गाया राम भजन

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के उर में रहने वाली बतूल जहरा एक बार फिर से चर्चा में हैं। वह इस बार इंटरमीडिएट में अच्छे मार्क्स लाकर चर्चा में आ गए थीं। वह उरी सीमा के पास रहती हैं और पहाड़ी जनजाति से ताल्लुक रखती हैं। अट उन्होंने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पहाड़ी बोली में …

Update: 2024-01-15 00:51 GMT

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के उर में रहने वाली बतूल जहरा एक बार फिर से चर्चा में हैं। वह इस बार इंटरमीडिएट में अच्छे मार्क्स लाकर चर्चा में आ गए थीं। वह उरी सीमा के पास रहती हैं और पहाड़ी जनजाति से ताल्लुक रखती हैं। अट उन्होंने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पहाड़ी बोली में ही भजन गाया है। उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करती भी नजर आ रही हैं।

जहरा कहती हैं, हमारे प्रधानमंत्री ने 11 दिनों का व्रत रखा है। प्रधानमंत्री ने यह संकल्प राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए किया है। आज पूरा मुल्क राम गीत गुनगुना रहा है। इसमें हमारा जम्मू-कश्मीर भी पीछे नहीं है। इसके बाद जहरा पहाड़ी बोली में भजन गाते हैं। इसमें वह कहती हैं कि सीता जी के साथ श्री राम पधारेंगे। वह दिन आ गया है। सभी स्वागत में ढोल बजाइए। श्री राम के साथ भक्त हनुमान भी पधार रहे हैं।

बता दें कि बतूल जहरा ने ट्रांसपोर्टेशन और ट्यूशन सहित कई मूलभूत सुविधाओं के अभाव में भी 12वीं की परीक्षा में अच्छा स्कोर किया था। वह अकसर पैदल ही स्कूल जाया करती थीं। बतूल आईएएस अधिकारी बनना चाहती हैं। वह बारामूला की डिप्टी कमिश्नर रहीं डॉ. सैयद सहरीश अशगर को अपना रोल मॉडल मानती हैं। बतूल के पिता का नाम आरिफ हुसैन काजमी है।

वह जिस पहाड़ी जनजाति से ताल्लुक रखते हैं उसे सांस्कृतिक धरोहर को संभालकर रखने के लिए जाना जाता है। उन्होंने उरी के ही इमामिया पब्लिक स्कू से 10वीं की परीक्षा पास की थी। इस समय वह कॉलेज में फर्स्ट इयर की छात्रा हैं। बता दें कि राम मंदिर को लेकर पूरे देश में इस समय उत्साह देखा जा रहा है। पूरा देश राममय नजर आ रहा है। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे।

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