जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट ने शाकिर मंजूर को दी श्रद्धांजलि, अपरहण के एक साल बाद बरामद हुआ था जवान का शव

कुलगाम जिले से जवान शाकिर मंजूर का शव बरामद हुआ था.

Update: 2021-09-23 18:44 GMT

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले से जवान शाकिर मंजूर का शव बरामद हुआ था. सेना की 15वें कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट डीपी पांडेय और तमाम अधिकारियों ने आज जवान को श्रद्धांजलि अर्पित की. अपरहण के करीब एक साल बाद उनका शव बरामद हुआ था. रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल पांडेय और अन्य अधिकारियों ने 162 इन्फैंट्री बटालियन (टेरिटोरियल आर्मी) के राइफलमैन शाकिर मंजूर वागे को चिनार कोर युद्ध स्मारक में श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि वागे दो अगस्त 2020 को शोपियां के बालापुर में ड्यूटी पर तैनात थे, तभी वह लापता हो गए.

एक साल पहले हुआ था जवान का अपहरण
उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने उनका पता लगाने के लिए व्यापक तलाशी अभियान चलाया था. व्यापक तलाशी के बाद उनका जला वाहन कुलगाम के रामभामा में पाया गया. बहरहाल, सुरक्षा बलों के लगातार प्रयासों के बावजूद राफइलमैन शाकिर मंजूर वागे का पता नहीं चल पाया. राइफलमैन शाकिर मंजूर (26) जून 2016 में सेना में शामिल हुए थे. वह शोपियां जिले के ऋषिपुरा गांव के रहने वाले थे. उनके परिवार में उनके माता-पिता हैं.
प्रवक्ता ने बताया कि उनके शव के अवशेष को उनके गृह स्थान पर ले जाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ होगा. उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में सेना उनके परिवार के साथ है. उन्होंने कहा कि इस जघन्य अपराध के षड्यंत्रकारियों को न्याय के शिकंजे में लाने के लिए हरसंभव उपाय किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि एक साल पहले जब जवान लापता हुआ था तो पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया था.
दहशतगर्दों ने फूंक दी थी जवान की गाड़ी
दरअसल, आतंकवादियों ने पिछले साल दो अगस्त को शाकिर मंजूर वागे का अपहरण कर लिया था. अधिकारियों ने बताया कि शव की शिनाख्त करने और अन्य चिकित्सकीय औपचारिकताओं के लिए पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया था. बकरीद पर घर आए सेना के जवान का आतंकियों ने 2 अगस्त 2020 को देर शाम अपहरण किया था. टेरिटोरियल आर्मी (TA) में तैनात जवान की गाड़ी को भी दहशतगर्दों ने फूंक दिया था.
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