विधायकों को एकजुट करने की जिम्मेदारी लें गहलोत : सचिन पायलट

Update: 2022-09-27 08:44 GMT

राजस्थान। राजस्थान में जारी सियासी ड्रामे के बीच सचिन पायलट के खेमे में भी हलचल बढ़ गई है. जयपुर में उनके आवास पर समर्थक विधायक पहुंचने लगे हैं. इसी बीच सचिन पायलट ने पार्टी आलाकमान को साफ कर दिया है कि अगर अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ते हैं, तो उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ेगा.

दरअसल, राजस्थान में सीएम बदलने की चर्चा के बाद से बवाल मचा हुआ है. गहलोत समर्थक करीब 82 विधायकों ने स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. इन विधायकों का कहना है कि 19 अक्टूबर को जब तक गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं जीत जाते, राज्य में सीएम न बदला जाए. इसके बाद गहलोत समर्थक विधायक में से ही किसी को सीएम बनाया जाए. समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सचिन पायलट ने कांग्रेस हाईकमान को बता दिया है कि अगर गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं, तो उन्हें सीएम पद पर नहीं रहना चाहिए. पायलट ने यह भी कहा कि गहलोत की यह जिम्मेदारी है कि वे विधायकों को साथ लाएं. हालांकि, बाद में सचिन पायलट ने खुद इन खबरों का खंडन कर दिया.

सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों के अलावा अन्य विधायकों के भी लगातार संपर्क में हैं. हालांकि, उन्होंने अभी समर्थकों से हाईकमान के फैसले का इंतजार करने के लिए कहा है. उधर, सचिन पायलट के खेमे के विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने दावा किया है कि 2023 चुनाव के लिए पार्टी राजस्थान में बदलाव कर रही है. सीएम का चेहरा नेतृत्व तय करेगा. राजस्थान के घमासान को लेकर कांग्रेस के पर्यवेक्षकों की लिखित रिपोर्ट शाम तक सोनिया गांधी को दी जाएगी. अभी रिपोर्ट तैयार की जा रही है. लिखित रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर या ईमेल के जरिए भी भेजी जा सकती है. अजय माकन और मल्लिकार्जिन खड़गे ने जयपुर से लौटकर सोनिया गांधी से मुलाकात भी की थी.

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