राजसमंद। राजसमंद नगर परिषद क्षेत्र का राजनगर स्थित वार्ड-9 अपने क्षेत्र में ही काफी सिमटा हुआ और छोटा है। लेकिन जितना छोटा वार्ड, समस्याएं उतनी की बड़ी हैं। इस वार्ड में विकास कार्य करवाए जाने के दावे तो किए जा रहे हैं, लेकिन वास्तविक हालात कुछ और ही हैं। करीब 930 मतदाताओं की आबादी वाला क्षेत्र वार्ड-9 कई तंग गलियों से गुजरता है। कहीं सडक़ें क्षतिग्रस्त अवस्था में हैं, तो कहीं कचरे के ढेर और गंदगी का आलम है। कहीं कचरा पात्र ही नहीं हैं। वार्डवासियों ने बताया कि कहीं तंग गलियां होने से कचरा संग्रहण वाहन नहीं पहुंच पाता है। ऐसे में लोगों को अपने घरों का कचरा एकत्रित करके आस-पास के क्षेत्र में ही फेंक दिया जाता है, लेकिन सफाई कर्मचारी सफाई की औपचारिकता करते हैं। न तो नालियां साफ हो पाती हैं और न ही पूर्ण रूप से सफाई कार्य हो पाता है। साफ-सफाई के अभाव में नालियों में भरे गंदे पानी की निकासी नहीं होने के दिन-रात मच्छरों की भरमार बनी रहती है। नाईयों की कुंई क्षेत्र के लोगों ने बताया कि सफाई कर्मचारी ढंकी हुई नालियों को सफाई करने के तोड़ देते हैं और खुला छोड़ देते हैं। नालियों से हटाए पत्थर नालियों में ही गिरा दिए थे।
भोईवाड़ा, मालीवाड़ा, माणक चौक आदि में भी सफाई नहीं हो रही है। वर्षों से सडक़ों व नालियों के हालात खराब हैं। कई बार खुद ही नालियों की सफाई करनी पड़ती है। नगर परिषद के राजनगर क्षेत्र में बने वार्ड 6 से 10 तक एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। एक सड़क या गली में दोनों ओर वार्ड होने से कई वार्डवासियों को अपने वार्ड का ही पता नहीं है। मणक चौक क्षेत्र का चौराहा तीन वार्डों से जुड़ा हुआ है, जिसमें वार्ड 6, 7,8 व 9 का कुछ भाग आता है। कई ऐसी जगहें है तो एक दूसरे में शामिल हैं। हर दूसरे दिन सफाई कर्मचारी आते हैं, लेकिन नालियों की सफाई नहीं होने से मच्छरों की भरमार बनी रहती है। मच्छरों की समस्या को लेकर नगर परिषद की ओर से नहीं हुई है। बिजली गुल होने व रात के समय मच्छरों के कारण घर में बैठना दुभर हो गया है। वार्ड में नियमित साफ-सफाई करवाई जाती है। वार्ड में काफी कार्य भी करवाए है, इनमें मालीवाड़ा से नायकवाड़ी रोड, माण चौक से मालीवाड़ा तक डामरीकरण कार्य करवाए हैं। कुछ इलाकों में कार्य प्रस्तावित हैं, जो जल्द करवाएंगे। वार्ड 9 राजनगर क्षेत्र के भिक्षु निलियम, नायकवाड़ी से होते हुए भोईवाड़ा, मालीवाड़ा, माणक चौक का कुछ क्षेत्र, नाईयों की कुई, गन्ना की बावड़ी के आस-पास के क्षेत्र में फैला हुआ है। क्षेत्रफल की दृष्टि से काफी छोटा है। सफाई कर्मचारियों को सफाई के लिए बोलने पर भी साफ-सफाई नहीं की जाती। हालात तो ये हैं कि सफाई कर्मचारी उल्टा जवाब देते हैं। किसी को कुछ कह नहीं सकते। गंदगी से हालात खराब हैं। सडक़ें खराब हैं, नालियों में गंदा पानी भरा रहने से मच्छरा पनप रहे हैं व गंदगी फैली रहती है।