मरने के बाद भी जिंदा है गैंगस्टर विकास दुबे का खौफ! पुलिस ने उठाया ये कदम
कानपुर. उत्तर प्रदेश के चर्चित माफिया कानपुर (Kanpur) वाले विकास दुबे (Gangster Vikas Dubey) की कहानी भले ही खत्म हो चुकी हो, मगर उसका खौफ अभी भी बरकरार है. यही वजह है कि उज्जैन (Ujjain) में महाकाल मंदिर के प्रांगण में मौजूद माली और गार्ड जिन्होंने विकास दुबे को सबसे पहले पहचाना था और पकड़वाया था, वह इनाम की राशि लेने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. हालांकि कानपुर पुलिस ने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही है.
बता दें कि कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गांव में हुए हुए 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे और उसके साथियों पर सरकार ने इनाम घोषित किया था. विकास दुबे पर 5 लाख का इनाम घोषित किया गया था. यह इनाम मध्य प्रदेश के तीन पुलिसकर्मियों समेत छह लोगों को दिया जाएगा. उज्जैन पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर मध्य प्रदेश पुलिस ने यूपी के डीजीपी को पुरस्कार के लिए छह नामों की सूची भेजी है. इस सूची में महाकाल मंदिर के माली और गार्ड का भी नाम है. लेकिन दोनों इनाम लेने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे और वे कानपुर नहीं आना चाहते.
गौरतलब है कि बिकरू नरसंहार के बाद विकास दुबे अपने साथियों के साथ फरार हो गया था. इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने उसके कई साथियों को मार गिराया जबकि कईयों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. लेकिन विकास दुबे की गिरफ़्तारी उज्जैन के महाकाल मंदिर से हुई. विकास दुबे हत्याकांड के बाद मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर पहुंच गया था. जहां पर मंदिर परिसर में घूमते हुए माली और गार्ड ने उसको देख लिया. पहचानने के बाद दोनों ने क्षेत्रीय पुलिस को सूचना देकर विकास दुबे को गिरफ्तार करवाया. हालांकि कानपुर लाते समय विकास दुबे ने भागने का प्रयास किया और वह पुलिस मुठभेड़ में मारा गया.
अब विकास दुबे के आपराधिक साम्राज्य का भी अंत हो गया है, मगर बावजूद इसके जिस माली व गार्ड ने विकास दुबे को पकड़वाया था, वे इनाम लेने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं और उत्तर प्रदेश नहीं आना चाहते. डीआईजी कानपुर डॉ प्रीतिंदर सिंह ने उन्हें पुलिस सुरक्षा देने का आश्वासन दिया है. कानपुर के डीआईजी का कहना है कि जो भी कर्मचारी सुरक्षा मांगेगा तो उसे सुरक्षा दी जाएगी और वह आकर अपनी इनाम राशि ले सकते हैं.
मध्य प्रदेश पुलिस की तरफ से भेजे गए पत्र में उज्जैन के महाकाल थाने के 3 सिपाहियों विजय राठौर, जितेंद्र कुमार और परशुराम के अलावा मंदिर परिसर में फूल बेचने वाले सुरेश तथा मंदिर के दो निजी सुरक्षाकर्मियों राहुल शर्मा और धर्मेंद्र परमार को इनाम राशि देने की सिफारिश की गई है. इनाम पाने वालों का नाम तय करने के लिए उज्जैन पुलिस ने बाकायदा एक कमेटी गठित की थी. इसी कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर मध्य प्रदेश पुलिस ने अपनी सिफारिश भेजी है. रिपोर्ट के अनुसार सबसे पहले फूल विक्रेता सुरेश ने ही विकास दुबे को पहचाना था.