गंगोह गैंग ने ATM मशीन को तोडा, एक आरोपी गिरफ्तार
जांच में होगा बड़ा खुलासा
नई दिल्ली। नरेला औद्योगिक क्षेत्र इलाके में बीते अगस्त महीने में सेंट्रल बैंक की एटीएम मशीन को बदमाश तोडक़र ले गए थे। बाहरी उत्तरी जिला की स्पेशल स्टॉफ पुलिस ने वारदात में शामिल ग्राम बेगी बांस देवा, गंगोह, यूपी के रहने वाले कलीम को गिरफ्तार किया है। आरोपी को पकडऩे के लिये पुलिस को सौ से ज्यादा सीसीटीवी और डेढ़ सौ किलोमीटर का रास्ता आरोपी को पकडऩे में तय करना पड़ा था। पुलिस ने इस बीच पचास से जयादा संदिग्धों से भी पूछताछ की थी। आरोपी के कब्जे से वारदात में इस्तेमाल एक रिट्ज कार बरामद की गई। वारदात को अंजाम गंगोह के रहने वाले गैंग ने दिया था। पुलिस आरोपी के बाकी चार आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है। जिसमें से दो आरोपी पहले भी इलाके में एटीएम तोडऩे की वारदात में शामिल रहे हैं।
जिला पुलिस उपायुक्त रवि कुमार ने बताया कि बीते 24 अगस्त रात ढाई बजे नरेला औद्योगिक क्षेत्र को मुंबई, महाराष्ट्र से एक पीसीआर कॉल मिली थी, जिसमें बताया गया कि खेड़ा खुर्द में अज्ञात व्यक्ति सेंट्रल बैंक का एटीएम में चोरी कर रहे हैं। आरोपी सीसीटीवी कैमरे और अलार्म को नुकसान पहुंचा रहे हैं। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। पता चला कि आरोपी एटीएम मशीन उखाडक़र चोरी कर ली थी। आरोपियों ने सफेद रिट्ज कार से एटीएम ले गए थे। आरोपियों ने कैश बॉक्स लेने के बाद एटीएम मशीन के बाकी हिस्से को होलंबी इलाके के एक खेत में फेंक दिया है। पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की। एसीपी सुरेश कौशिक के निर्देशन में एसएचओ राजेश कुमार और एसआई तसवीर हेड कांस्टेबल दीपक, अमित,महाशेर अली और संजीत को आरोपियों को पकडऩे का जिम्मा सौंपा गया।
पुलिस टीम ने वारदात की जगह के आसपास और उस रूट पर लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला और हयूमैन सॉर्से की सहायता ली। पुलिस ने जिले में इस तरह की वारदात करने वालों का भी रिकॉर्ड खंगाला और उनके मोबाइल फोन की लोकेशन पता करने की कोशिश की। वारदात वाले समय पर डम्प डाटा की भी जांच की। पुलिस टीम को पता चला कि वाहन की दाहिनी ओर की बैक लाइट क्षतिग्रस्त भी हुई थी। जी 20 की तैयारियों के बीच, पुलिस ने वाहन की गहन तलाशी शुरू की। उन्होंने ग्राम खेड़ा खुर्द से ग्राम बेगी, जिला सहारनपुर, यूपी तक, होलंबी, अलीपुर, बकतावरपुर, सोनीपत, झिंझाना, कैराना आदि से गुजरते हुए लगभग 150 किलोमीटर तक फैले मार्ग की जांच की। इस बीच यह भी पता चला कि मुख्य सडक़ों की बजाय अंधेरे इलाकों से आरोपी भागे,जिससे पुलिस को उनके बारे में पता न लग पाए। पुलिस को वारदात में इस्तेमाल कार के बारे में पता चला। कार मालिक के पास पहुंचने पर पता चला कि कार मालिक ने छह महीने पहले ही कार को बेच दिया था। एक पुख्ता सूचना पर एएसआई नरेंद्र, हेड कांस्टेबल मुकेश और अन्य की स्पेशल स्टाफ टीम की सहायता से रात के वक्त गांव नेगी बांस देवा, थाना गंगोह, यूपी में रहने वाले आरोपी कलीम को उसके घर से पकड़ लिया। उसकी निशानदेही पर कार भी जब्त कर ली।
कलीम ने वारदात को अंजाम देने के बाद बेचने के इरादे से गाड़ी को पहले ही रंग दिया था। कलीम से पूछताछ करने पर पता चला कि उसने इनाम, इंतजार, तासिम और जाबिर के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। आरोपी ने साथियों के साथ मिलकर जानबूझकर बिना सुरक्षा वाले एटीएम को निशाना बनाया, वे बार-बार अपने वाहन की नंबर प्लेटों को उस राज्य से मिलान करने के लिए बदलते थे जहां वे प्रवेश कर रहे थे। एटीएम तोडऩे के बाद, वे पुलिस टीमों को भ्रमित करने के लिए घटनास्थल से 10 किलोमीटर के दायरे में मशीनें फेंक देते थे। उन्होंने शेष एटीएम टुकड़ों के निपटान के लिए जेजे क्लस्टर और कचरा बीनने वालों के क्षेत्रों को चुना, उन्हें स्क्रैप के रूप में बेचने का इरादा था। फरार आरोपी जाबिर और तासीम पहले भी नरेला औद्योगिक क्षेत्र में एटीएम तोडऩे की वारदातों में शामिल रहे हैं।