डिजिटल लुटेरे दबोचे गए! कैब चालकों को लूटने वाले गिरोह का भंडाफोड़, जांचे गए 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरे
कैब चालकों को डिजिटल भुगतान ऐप के जरिए लूटने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने कैब चालकों को डिजिटल भुगतान ऐप के जरिए लूटने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है. इसमें एक नाबालिग है. दरअसल शिकायतकर्ता धन सिंह ने पुलिस को बताया कि वह एक कैब चालक है और 3 दिसंबर को करीब 7:30 बजे तीन सवारियों को लेकर नेहरू विहार से ग्रेटर नोएडा जाने के लिए ऑनलाइन बुकिंग के जरिए निकला था. यात्रियों ने यह कैब ऑनलाइन बुक की थी.
लगभग 10 मिनट के बाद, यात्रियों ने उन्हें नेहरू विहार मोड़, तिमारपुर, दिल्ली वापस छोड़ने के लिए कहा. नेहरू विहार मोड़ पहुंचने के बाद यात्रियों ने उन्हें अपने घर के पास छोड़ने को कहा. गंदा नाला पर एक सुनसान जगह के पास आने पर, यात्रियों में से एक ने शिकायतकर्ता पर देशी कट्टे से इशारा किया और उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी. उन्होंने उसका मोबाइल छीन लिया और कुल 20,700 / – रुपये दूसरी कंपनी के डिजिटल मोबाइल वॉलेट में ट्रांसफर कर फरार हो गए.
नॉर्थ दिल्ली के तिमारपुर थाने ने इस केस की जांच शुरू की और अपराधियों की धरपकड़ शुरू हो गई.पुलिस टीम ने तुरंत तकनीकी जांच की और घटना स्थल के आसपास के 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की जांच की और बाद में अपराधियों के रास्तों का पता लगाया. इसके अलावा, शिकायतकर्ता और संदिग्धों के डिजिटल मोबाइल वॉलेट की जानकारी हासिल की.साथ ही पुलिस ने साइबर सेल की मदद से उन फोन नंबरों की जांच भी शुरू कर दी जिससे यह ऑनलाइन बुकिंग की गई थी.जिसके बाद पुलिस को कुछ संदिग्ध आरोपियों की पहचान हो गई.पुलिस ने आरोपियों की तलाश में कई जगह छापेमारी की लेकिन आरोपी लगातार अपना ठिकाना बदल रहे थे और पुलिस उनका पीछा कर रही थी.
आखिर में टीम ने तकनीकी सहायता से अपने मुखबिरों की मदद से खुफिया जानकारी विकसित की और उसका पीछा करती रही. टीम आरोपी व्यक्ति का पीछा करते हुए पुलिस बरसाना, मथुरा, यूपी पहुंची और आखिरकार 7 दिसंबर को लगभग 250 किलोमीटर की लुका-छिपी के बाद एक आरोपी को पकड़ लिया. आरोपी की पहचान मनीष उर्फ मन्नू उर्फ पहाड़ी, 22 साल के रूप में हुई है.
पुलिस ने इसके अलावा, आरोपी मनीष उर्फ मन्नू उर्फ पहाड़ी के कहने पर एक नाबालिग (उम्र-15 वर्ष) और एक अन्य सहयोगी रवि, उम्र-32 वर्ष को भी गिरफ्तार कर लिया. अपराधियों के पास से अपराध का हथियार यानी एक देसी कट्टा, दो जिंदा कारतूस रवि उर्फ तिलकधारी के कहने पर बरामद किया गया और 6,000/- रुपये नकद (डिजिटल रूप से लूटी गई राशि का हिस्सा) भी बरामद किया गया. इसके अलावा, अपराध में इस्तेमाल दो मोबाइल फोन और एक अन्य चोरी का मोबाइल फोन उनके कब्जे से बरामद किया गया है.
पूछताछ के दौरान आरोपी मनीष उर्फ मन्नू उर्फ पहाड़ी ने खुलासा किया कि उसके सहयोगी रवि उर्फ तिलकधारी ने ऑनलाइन कैब बुक करने की योजना बनाई थी और कैब के ड्राइवर का विश्वास हासिल करने के बाद उसे सुनसान जगह पर लूट लिया. उनके सहयोगी सीसीएल ने उन्हें सलाह दी कि वे अपने डिजिटल वॉलेट से पैसे ट्रांसफर करके कैब ड्राइवर को लूट लें क्योंकि आजकल लोगों के पास डिजिटल रूप में पैसा है. नतीजतन, उन्होंने एक कैब बुक की और बाद में अपनी योजना के अनुसार उन्होंने उसके ड्राइवर को लूट लिया. आरोपी मनीष ने देसी कट्टा दिखाया और फिर कैब ड्राइवर के वॉलेट से पैसे ट्रांसफर करवा दिए. बाद में उन्होंने लूटे गए रुपये को एटीएम से निकाल लिया.