गैंग ऑफ वासेपुर के प्रिंस खान के गिरोह ने फिर एक कारोबारी को मारी गोली, आतंक के आगे पुलिस बेबस
थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी।
धनबाद (आईएएनएस)| खाड़ी के देश में रहकर धनबाद में गैंग ऑपरेट करने वाले वासेपुर के प्रिंस खान के आतंक राज के आगे पुलिस बेबस है। अब एक और कारोबारी इस गैंग का निशाना बना है। धनबाद के बरवाअड्डा थाना क्षेत्र में ठाकुर मोटर्स नामक प्रतिष्ठान के मालिक सच्चिदानंद ठाकुर को प्रिंस खान के गुर्गे ने गोली मारी है। सोमवार रात हुए इस हमले के बाद उन्हें इलाज के लिए दुर्गापुर रेफर किया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। ठाकुर धनबाद के बरवाअड्डा के ही रहने वाले हैं। नया बाजार स्थित अपनी दुकान बंद कर जब वह भाई के साथ बाइक पर घर जा रहे थे, इसी बीच रानी बांध धईया के पास अपराधियों ने उन्हें पीठ में गोली मार दी। ठाकुर की धनबाद में तीन दुकानें हैं। उनके पास प्रिंस खान का नाम लेकर धमकी भरे फोन पहले से आ रहे थे। इस संबंध में उन्होंने बैंक मोड़ थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी।
ठाकुर को गोली मारे जाने के कुछ ही देर बाद प्रिंस खान के गुर्गे और शूटर मेजर ने पर्चा जारी कर इसकी जिम्मेदारी ली। उसने लिखा कि ठाकुर मोटर्स के मालिक को हमने खुद ठोका है, क्योंकि वह हमारे कॉल को नजरअंदाज कर रहा था और पुलिस के पास केस कर यह साबित करने की कोशिश कर रहा था कि मेजर की गोली से बच जाएगा। पर्चे में लिखा गया है कि जिस किसी के भी पास मेजर का कॉल जा रहा है, वह छोटे सरकार से मैनेज कर ले।
बता दें कि प्रिंस खान ने खुद को छोटे सरकार घोषित कर रखा है और रंगदारी के लिए कारोबारियों, ठेकेदारों को धमका रहा है। बीते एक जून को उसके गुर्गों ने धनबाद के दो होटलों में बमबारी कर दहशत फैलाई थी।
उसके गिरोह में पिछले दो सालों में गोलीबारी, हत्या और रंगदारी वसूली की दर्जनों वारदात को अंजाम दिया है। बीते 3 मई को उसके गुर्गों ने वासेपुर के पुराने गैंगस्टर फहीम के बेटे इकबाल खान और उसके साथी गोलू पर गोलियां बरसाई थीं। इसमें गोलू मारा गया था, जबकि इकबाल खान गंभीर रूप से जख्मी हो गया था।
सीआईडी की जांच में यह बात सामने आ चुकी है कि वासेपुर का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर प्रिंस खान विदेश भाग गया है। उसने खाड़ी के किसी देश में पनाह ले रखी है और वहीं से धनबाद में अपना गैंग ऑपरेट कर रहा है।
पुलिस ने दो दिन पहले प्रिंस खान और अमन सिंह नामक गैंगस्टर के गिरोह के 9 अपराधियों को हथियारों के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा था, लेकिन इसके बावजूद प्रिंस के नाम पर आतंक का नेटवर्क कमजोर नहीं पड़ा है।