चोरी के मोबाइल फोन की तस्करी कर नेपाल भेजने वाले गिरोह का पर्दाफाश, जानें पूरा खुलासा
नई दिल्ली (आईएएनएस)| दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने यहां राष्ट्रीय राजधानी में चोरी और छिनतई के मोबाइल फोनों की तस्करी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश कर बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से चोरी के 70 मोबाइल फोन बरामद हुए हैं।
आरोपियों की पहचान संदीप, मोहम्मद चमन, राधे श्याम मिश्रा, अरमान अंसारी, सरबजीत सिंह, रियाज और राहुल के रूप में हुई है। वे चोरों और झपटमारों से चोरी तथा छिनतई के फोन खरीदते थे।
इस गिरोह ने पिछले छह महीने में लगभग 700 फोन नेपाल भेजे हैं।
विशिष्ट पुलिस आयुक्त (अपराध) रवींद्र सिंह यादव ने बताया कि यह काम चुनौतीपूर्ण था क्योंकि चोरी के फोन लंबे समय तक बंद थे और देश की सीमा से बाहर भेज दिए गए थे।
गिरोह के सदस्य करोल बाग और रोहिणी इलाकों में सक्रिय थे। वे थोक में चोरी के मोबाइल फोन खरीदते थे। इसके बाद संदीप अपने पहचान के लोगों के जरिए उन्हें नेपाल भेज देता था।
विशिष्ट पुलिस आयुक्त ने कहा, नेपाल में मोबाइल फोन मिलने के बाद वहां से उसके साथी हवाला से पैसे भेजते थे।
पुलिस टीमों के सम्मिलित प्रयास से पता चला कि संदीप अपने साथियों के साथ आनंद विहार बस अड्डे पर आने वाला है। उसके पास एक डिब्बे में 40-50 मोबाइल फोन हैं जिन्हें नेपाल भेजा जाएगा।
अधिकारी ने बताया, संदीप को एक हुंडई क्रेटा कार में चोरी के मोबाइल फोन हैंडओवर करते समय उसके साथियों चमन और राधे श्याम के साथ पुलिस ने पकड़ा। संदीप और चमन के पास से चोरी के 30 मोबाइल फोन बरामद हुए जिन्हें एक कार्टन के डिब्बे में रखा गया था। वहीं कार की पिछली सीट पर बैठे राधे श्याम के पास से चोरी के 16 एपल फोन बरामद हुए।
पूछताछ के दौरान संदीप ने बताया कि वह अपने चचेरे भाई ललित के साथ काम करता था। वे दिल्ली-एनसीआर में अलग-अलग जगहों से अपने साथियों से चोरी के मोबाइल फोन इकट्ठा करते थे।
अधिकारी ने कहा ललित की गिरफ्तारी के बाद उसने अपने पार्टनर अरमान के साथ खुद का धंधा शुरू कर दिया। उन्होंने रोहिणी में मोबाइल फोन की एक दुकान किराए पर ली जहां से वे अवैध करोबार करते थे। उसने बताया कि वह खुद यमुना पार, बाहरी उत्तरी दिल्ली और एनसीआर से जबकि चमन रियाज नाकी और राहुल से चोरी के मोबाइल फोन इकट्ठा करता था।
उन्होंने कहा, इस गिरोह ने पिछले छह महीने में नेपाल में अपने साथियों आशिक, किशोर महाजन और मनीष को करीब 700 मोबाइल फोन भेजे हैं। सस्ते फोन पर संदीप 500 से 1000 रुपए तक और महंगे फोन पर पांच हजार से छह हजार रुपए तक मुनाफा कमाता था।
चोरी के मोबाइल फोनों की खरीद-बिक्री के बारे में सारी बातें ह्वाट्सएप कॉल और मैसेज से होती थी। सौदा होने के बाद संदीप करोल बाग में अपने साथियों से पैसे लेता था और खर्च के बाद जो मुनाफा बचता था उसे अरमान के साथ बराबर-बराबर बांट लेता था।
अधिकारी ने कहा, अरमान, राहुल, रियाज और सरबजीत को भी हिरासत में लिया गया है। उनके पास से भी चोरी के मोबाइल फोन मिले हैं। इनमें अधिकतर फोन बसों और दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में की गई पाकेटमारी के हैं।