G-21 नेताओं का बयान - हम तब तक पार्टी नहीं छोड़ेंगे, जब तक हमें बाहर नहीं किया जाता
यूपी। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस का असंतुष्ट गुट G-21 एक बार फिर एक्टिव हो गया है. G-21 ने बुधवार शाम दिल्ली में गुलाम नबी आजाद के घर एक बैठक की और बयान जारी कर कहा कि BJP को चुनौती देने के लिए अच्छा विकल्प जरूरी है इसलिए कांग्रेस को समान विचारधारा वाले दलों से बातचीत करनी चाहिए. पार्टी के असंतुष्ट नेताओं का कहना है कि बीजेपी से मुकाबले के लिए कांग्रेस को मजबूत करना बेहद जरूरी हो गया है.
मीटिंग के बाद कांग्रेस के 18 नेताओं ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त और लगातार नेताओं-कार्यकर्ताओं का पार्टी छोड़कर जाने के सिलसिले पर ध्यान नहीं दिया जा रहा, उसी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए यह बैठक की आहूत की गई थी.
सूत्रों की मानें तो असंतुष्ट कांग्रेसी नेताओं की बैठक से 3 महत्वपूर्ण निष्कर्ष निकलकर सामने आए हैं.
1. G-21 नेताओं का कहना है कि हम तब तक पार्टी नहीं छोड़ेंगे, जब तक हमें बाहर नहीं किया जाता.
हम इस बात पर जोर देते रहेंगे कि पार्टी में सुधार की जरूरत है.
3. बयान में उल्लेख किया गया है कि भविष्य के कदम को लेकर घोषणा जल्द ही की जाएगी. सूत्रों के मुताबिक, इसका मतलब है कि सभी G-21 नेता पार्टी कार्यकर्ताओं के पास जाएंगे और कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बनाने के लिए जमीनी स्तर पर बैठक करेंगे.
पार्टी नेतृत्व से अपील
जी-21 ग्रुप के कांग्रेसी नेताओं ने पार्टी आलाकमान से अपील है कि वह समान विचारधारा वाले दलों से बात करें ताकि भाजपा को चुनौती देने के लिए एक अच्छा विकल्प तैयार हो सके.
18 नेताओं के नाम से बयान जारी
यह बयान गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, अखिलेश प्रताप सिंह, शंकर सिंह बघेला, शशि थरूर, एम.ए खान, संदीप दीक्षित, विवेक तन्खा, आनंद शर्मा, पृथ्वीराज चव्हाण, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राज बब्बर, मणिशंकर अय्यर, पी जे कुरियन, राजिंदर कौर भट्टल, कुलदीप शर्मा और प्रेणित कौर के नाम से जारी किया गया.
इसलिए कपिल सिब्बल के घर पर नहीं की बैठक
इससे पहले चर्चा के लिए कांग्रेस के बागी नेताओं ने कपिल सिब्बल के घर को चुना था. लेकिन नेताओं की यह राय थी कि वह नहीं चाहते थे कि यह संदेश जाए कि कपिल सिब्बल ने जो बयान दिया है, उसका G-21 के बाकी नेता भी समर्थन करते हैं.
हार के बाद दूसरी बैठक
पांच राज्यों में मिली हार के बाद यह G-21 गुट की दूसरी बैठक है. इससे पहले 11 फरवरी को गुलाम नबी आजाद के घर पर बैठक हुई थी. इस बैठक में कपिल सिब्बल और मनीष तिवारी भी शामिल हुए थे. इस बैठक में कांग्रेस आलाकमान से पार्टी अध्यक्ष की मांग की गई थी.
सिब्बल ने कहा- दूसरे नेताओं को मौका दे गांधी परिवार
उधर, विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सोमवार को कहा था कि गांधी परिवार के लोगों को अब साइड होकर दूसरे नेताओं को नेतृत्व का मौका देना चाहिए. उन्होंने यहां तक कह डाला था कि 'घर की कांग्रेस' की जगह 'सब की कांग्रेस' होनी चाहिए. इसके बाद कांग्रेस का दूसरा गुट कपिल सिब्बल पर हमलावर हो गया.
सिब्बल पर कांग्रेस नेताओं ने साधा निशाना
उधर, कपिल सिब्बल के बयान पर कई कांग्रेसी नेताओं ने नाराजगी व्यक्त की है. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, कपिल सिब्बल एक अच्छे वकील हो सकते हैं. लेकिन वे अच्छे नेता नहीं हैं. वे कांग्रेस के लिए किसी गांव नहीं गए. वे लगातार पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन सोनिया गांधी और पार्टी को कोई कमजोर नहीं कर सकता.