नई दिल्ली: आर्थिक मुश्किलें झेल रहा श्रीलंका ऊर्जा संकट की मार भी झेल रहा है. ऐसे में एक बार फिर भारत श्रीलंका के काम आ रहा है. श्रीलंका के बिजली मंत्री गामिनी लोकुगे ने सोमवार को कहा कि श्रीलंका मौजूदा ईंधन और ऊर्जा संकट से निपटने के लिए मंगलवार को इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) के साथ बातचीत करेगा. उन्होंने कहा कि ईंधन संकट के समाधान के लिए इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की स्थानीय इकाई से बातचीत की जाएगी.
भारत की प्रमुख तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की श्रीलंकाई सहायक कंपनी Lanka IOC (LIOC) 2002 से श्रीलंका में कार्यरत है. श्रीलंकाई मंत्री ने कहा, 'मैंने अपने अधिकारियों से मंगलवार को IOC के साथ बातचीत शुरू करने को कहा है, अगर जरूरत पड़ी तो मैं भी इस बातचीत का हिस्सा बनूंगा.'
श्रीलंका के मंत्री ने कहा कि 22 जनवरी तक लगातार बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकती है. इससे पहले उन्होंने कहा था कि आपूर्ति 18 जनवरी तक ही सुनिश्चित की जा सकती है.
श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री उदय गम्मनपिला ने कहा था कि बिजली उत्पादन के लिए आवश्यक डीजल और फर्नेस ऑयल की निरंतर आपूर्ति पर बिजली मंत्रालय के साथ चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है.
गैमनपिला ने कहा था, 'उन्हें आपूर्ति के लिए अपने पैसे (डॉलर) खर्च करने होंगे और जितनी जरूरत है, उस हिसाब से पहले से ही ऑर्डर करना होगा.' उन्होंने कहा था कि श्रीलंकन एयरलाइंस ने ईंधन आपूर्ति का भुगतान भी अपने डॉलर से किया था.
श्रीलंका फिलहाल कम होते ईंधन भंडार के साथ-साथ एक गंभीर विदेशी मुद्रा संकट का सामना कर रहा है. आयात के भुगतान के लिए डॉलर की कमी के कारण देश लगभग सभी आवश्यक वस्तुओं की कमी से जूझ रहा है.
श्रीलंका में पीक आवर्स में बिजली कटौती की जा रही है क्योंकि देश की बिजली इकाई को ईंधन नहीं मिल पा रहा जिससे पर्याप्त बिजली पैदा नहीं हो रही.
देश की ईंधन इकाई ने तेल की आपूर्ति बंद कर दी है क्योंकि बिजली बोर्ड ने कई बार से बिल नहीं भरा है. एकमात्र रिफाइनरी को हाल ही में बंद कर दिया गया था क्योंकि यह कच्चे माल के आयात के लिए भुगतान करने में असमर्थ थी.
इस सप्ताह की शुरुआत में भारत सरकार ने श्रीलंका को पेमेंट सपोर्ट सहायता के अलावा एक अरब डॉलर के सहायता पैकेज की घोषणा की है.
खाद्य पदार्थों और दवाओं का आयात कर खाद्य संकट को टालने के लिए श्रीलंका अरबों डॉलर का कर्ज ले रहा है. भारत से ईंधन आयात करने के लिए श्रीलंका को अतिरिक्त 50 करोड़ डालर भी दिए जा रहे हैं.