महापौर की कुर्सी से लेकर विधायक के टिकिट के लिए खाचरियावास और मुनेश आमने-सामने

Update: 2023-08-29 12:16 GMT
महापौर की कुर्सी से लेकर विधायक के टिकिट के लिए खाचरियावास और मुनेश आमने-सामने
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राजस्थान। मेयर की कुर्सी से लेकर विधायक के टिकट तक मुनेश गुर्जर के खिलाफ खुलकर विरोध में उतर आई हैं। भले ही मुनेश गुर्जर ने दूसरी लग्न में मेयर की कुर्सी संभाल ली है, लेकिन अभी से ही कुर्सी फिर से अस्थिर होने लगी है। शहर में विधायकों और मेयर के बीच चल रही सियासी खींचतान के बीच प्रताप गुट के पार्षदों ने सोमवार को पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से मुलाकात की और मुनेश गुर्जर की गिरफ्तारी की मांग की. पार्षद मनोज मुदगल के नेतृत्व में करीब एक दर्जन पार्षदों ने डोटासरा से मुलाकात की और करीब 37 पार्षदों के हस्ताक्षर वाला पत्र सौंपा. उधर, मुनेश खेमे के पार्षद ने कहा कि विधायकों ने दबाव बनाकर 37 पार्षदों के हस्ताक्षर करा लिये. जब वे बहुमत की बात कर रहे हैं तो निगम में फ्लोर टेस्ट करा लें, उन्हें पता चल जाएगा कि किसके पास कितना दम है। हम कल नगर अध्यक्ष से मिलेंगे और बोर्ड बैठक में वोटिंग की बात करेंगे. जहां तक हस्ताक्षर करने की बात है तो हमारे पास 50 पार्षदों के इस्तीफे पर हस्ताक्षर के पत्र भी हैं। हमें संगठन पर पूरा भरोसा है. पार्षदों के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि मुनेश गुर्जर ने पूरी कांग्रेस को बदनाम किया है. मुनेश गुर्जर का पति सुशील गुर्जर और उसका दलाल मुनेश गुर्जर की मौजूदगी में लाखों रुपये लेते थे और उसके बाद वह सभी फाइलों पर हस्ताक्षर करती थी। भ्रष्टाचार की इस पूरी घटना की पुष्टि एसीबी की रिकॉर्डिंग में छह बार हो चुकी है. इसके बावजूद मेयर के पति, एक पीए और एक दलाल को गिरफ्तार करने के बाद भी एसीबी ने मुनेश गुर्जर को गिरफ्तार नहीं किया. इससे जनता सरकार की जीरो टॉलरेंस पर सवाल उठा रही है. मेयर की गिरफ्तारी नहीं होने से जनता में गलत संदेश जा रहा है, इसलिए मेयर को तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार किया जाये और जिन 300 लोगों ने एसीबी पोर्टल पर सीधी शिकायत दर्ज करायी है, उनका पैसा वापस कराया जाये और सभी लॉकर वापस किये जाये. मेयर की जांच होनी चाहिए. किया गया।
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