दोस्त ने दोस्त को सुलाई मौत की नींद, पुलिस ने किया गिरफ्तार

Update: 2024-05-20 12:22 GMT
मुरादाबाद। मुरादाबाद में एक युवक को उसी के जिगरी दोस्त ने उसके दुश्मनों के हवाले कर दिया। जिन्होंने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी और लाश को गड्‌ढा खोदकर खेत में दबा दिया। पुलिस इस मामले में 2 युवकों को अरेस्ट करके घटना का खुलासा किया है। हत्याकांड को अंजाम देने में शामिल रहे बाकी 4 आरोपी अभी फरार हैं। पुलिस टीमें उनकी तलाश में जुटी हैं। कटघर थाना क्षेत्र में सूरजनगर पीतल बस्ती निवासी संतोष यादव ने 17 मई को कटघर थाने में अपने बेटे विशाल यादव की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। इसमें संतोष ने कहा था कि उसका बेटा विशाल 16 मई की रात 10 बजे से लापता है। संतोष यादव ने बेटे की हत्या की आशंका भी जाहिर की थी। संतोष ने कहा था कि उसका बड़ा बेटा सुभाष हत्या के मामले में 2022 से जेल में बंद है।
उसने आशंका जाहिर की थी कि उसी का बदला लेने के लिए विपक्षी पक्ष ने उसके दूसरे बेटे विशाल को अगवा करके मार दिया है। संतोष ने पुलिस को बताया था कि अंशुमन उर्फ काके की डेढ़ साल पहले मौत हो गई थी। इसी मामले में उसका बड़ा बेटा जेल में बंद है। अंशुमन के भाई अनिरुद्ध ने खून का बदला खून से लेने की धमकी दी थी। उसने ही बेटे की हत्या को अंजाम दिया है। संतोष यादव ने पुलिस को बताया था कि उसका बेटा विशाल एक फर्म में नौकरी करता है। 16 मई को रात करीब 10 बजे बेटे के दोस्त मोहित यादव निवासी गांगन तिराहा, संभल रोड और सचिन पासी निवासी सूरजनगर पीतल बस्ती उसे घर से बुलाकर अपने साथ ले गए थे। इसके बाद से वह घर नहीं लौटा।
इस मामले में कटघर पुलिस ने लापता विशाल के दोस्त मोहित यादव और सचिन पासी को पकड़कर सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने हत्याकांड का राज उगल दिया। मोहित यादव ने पुलिस को बताया कि उसकी विशाल यादव से अच्छी दोस्ती थी। दूसरी तरफ विशाल के दुश्मन अनिरुद्ध सिंह से भी उसका उठना बैठना था। एक दिन अनिरुद्ध ने उसे लालच दिया कि अगर तू विशाल को लाकर हमारे हवाले कर दे तो हम तुझे अच्छी रकम देंगे। अनिरुद्ध ने मोहित से कहा कि मुझे विशाल को मारकर अपने भाई की हत्या का बदला लेना है। तू इस काम में मदद करेगा तो तुझे अच्छे पैसे दे दूंगा। इसी लालच में आकर मोहित यादव ने अपने दोस्त विशाल के साथ दगा कर दी। उसने इस खेल में अपने दोस्त सचिन पासी को भी शामिल किया। 16 मई को विशाल के घर गया और रात में करीब 10 बजे उसे घूमने जाने की बात कहकर घर से ले आया।
पुलिस पूछताछ में मोहित यादव ने बताया कि तय योजना के मुताबिक वो और सचिन पासी मिलकर विशाल को लेकर बाइक से डीयर पार्क के आगे रफातपुरा वाले रोड पर ले गए। यहां से वो बाइक को चमरपुरा के जंगल में एक खेत में बनी समाधि के पास ले गए। जहां अनिरुद्ध सिंह, गोलू उर्फ कनिष्क, अभिषेक उर्फ यश और अभिनव पहले से मौजूद थे। विशाल को देखते ही अनिरुद्ध और गोलू उर्फ कनिष्क ने अपने-अपने तमंचे से उसे गोली मार दी। 2 गोलियां लगते ही विशाल की मौत हो गई। इसके बाद उसके शव को जंगल में ही गड्‌ढा खोदकर दबाया और वापस आ गए।
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