तमिलनाडु। पुलिस की साइबर शाखा ने एक व्यक्ति से 14 करोड़ रुपये की ठगी करने के आरोप में छह लोगों को गिरफ्तार किया है। साइबर अपराध के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) संदीप मित्तल ने कहा कि यह ग्रुप ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग घोटाला चलाने में शामिल था। यह समूह पीड़ितों को फर्जी शेयर ट्रेडिंग अवसरों में निवेश करने के लिए गुमराह कर रहा था। एडीजीपी ने कहा, "इन साइबर अपराधियों ने व्हाट्सएप के जरिए एक ग्रुप बनाया और शेयर निवेश ऐप बनाए। समूह ने लोगों को यह विश्वास दिलाकर गुमराह किया कि वे ऑनलाइन शेयरों की ट्रेडिंग करके अपने निवेश का 500 गुना तक कमा सकते हैं।"
समूह ने गलत सूचना प्रसारित की थी कि कई लोग इन ऐप्स के माध्यम से अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं। पुलिस ने बताया कि गिरोह के एक सदस्य ने व्हाट्सएप कॉल पर खुद को ब्लैक रॉक एसेट मैनेजमेंट बिजनेस स्कूल नामक संस्था में काम करने वाला बताया था। साइबर शाखा पुलिस के अनुसार, कॉल करने वाले ने झूठा दावा किया कि ब्लैक रॉक में निवेश करने पर दो महीने के भीतर 500 प्रतिशत का मुनाफा मिलेगा। शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि कॉल करने वाले ने उन्हें बताया कि कंपनी सेबी से अप्रूव्ड है।
शिकायतकर्ता को इस शर्त के साथ निवेश करने के लिए राजी किया गया कि उसे निवेश से प्राप्त लाभ पर 20 प्रतिशत सर्विस चार्ज देना होगा। पुलिस ने बयान में कहा, "शिकायतकर्ता को एक लिंक के ज़रिए मोबाइल ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा गया। उसके बाद उसने विभिन्न बैंक खातों में 14 करोड़ रुपये निवेश किए। जब उसे पता चला कि निवेश किया गया पैसा वापस नहीं किया जा रहा है, तो निवेशक ने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई।"
पुलिस ने साइबर अपराध शाखा मुख्यालय, चेन्नई एससीसीआईसी (राज्य साइबर अपराध जांच केंद्र) में एक एफआईआर दर्ज की और 13 बैंक खातों से पैसे बरामद किए। कॉल रिकॉर्ड और रुपयों के लेन-देन का विश्लेषण करने के बाद पुलिस की विशेष टीम ने चेंगलपट्टू से वी. सुब्रमण्यम (39) को गिरफ्तार किया। उसके कबूलनामे के आधार पर अन्य संदिग्धों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार किए गए लोगों में नीलंकरई निवासी एम. मदन (43), जो टी. नगर में एक चिट कंपनी का मालिक है; तिरुवल्लूर निवासी आर. सरवणप्रियन (34), जो फिल्म उद्योग में सहयोगी निर्माता है; अवादी निवासी सतीश सिंह (46), जो सरवणप्रियन का सहयोगी है; पुलियंथोप निवासी शफाहद (38), जो मुद्रा बदलने की दुकान का मालिक है और मदुरै निवासी डी. मणिकंदन (30), जो पहले चेन्नई में एक सिने निर्माता के कार्यालय में काम करता था, शामिल है। इसके अतिरिक्त, दो क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट खाते भी फ्रीज किए गए हैं।