हिसार। हिसार साइबर पुलिस ने शिपिंग कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर 1 लाख 40 हजार रुपए ठगने के मामले में एक आरोपी गुडला, करोली, राजस्थान निवासी रामराज को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपी रामराज अन्य आरोपियों के साथ मिलकर फेसबुक पर शिपिंग कंपनी में नौकरी के झूठे विज्ञापन वॉट्सऐप नंबर सहित दे ठगी करते है। आरोपी को पेश अदालत कर 3 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। आरोपी रामराज अपने गांव के किसी अन्य व्यक्ति के दस्तावेजों पर बैंक में एकाउंट खुलवाता है और उनसे मोबाइल नंबर अपना देता है। इसके बदले में इसे ठगी गई धनराशि 10 प्रतिशत कमीशन मिलता है इसमें से कुछ यह उस व्यक्ति को देता है जिसका बैंक खाता होता। सब इंस्पेक्टर गुरमिंदर सिंह ने बताया कि हिसार निवासी युवक अभिषेक ने फेसबुक पर नॉर्थन विगोर नामक शिपिंग कंपनी में जॉइनिंग का विज्ञापन एक वॉट्सऐप नंबर सहित देखा। 7 जुलाई 2022 को उसने अपने सभी दस्तावेज विज्ञापन में दिए गए वॉट्सऐप नंबर पर भेज दिए।
3/4 घंटे के बाद उसके पास कनफ़र्मेशन आई कि आपका सिलेक्शन हो गया है और सर्विस चार्ज के रूप में कॉन्ट्रैक्ट लेटर, इमिग्रेशन, नाविक एम्प्लॉयमेंट लेटर मिलने के बाद 1.40 लाख देगे होंगे। 8 जुलाई को उसे कंपनी से अपॉइंटमेंट लेटर मिला। 12 जुलाई को उसके मुंबई पहुंचने पर उसे वहा एक दीपक मिश्रा नामक युवक मिला जिसने उसका मेडिकल करवा उसे होटल में ठहराया गया। 13 जुलाई को एक वेबसाइट से उसने कॉन्ट्रैक्ट लेटर, इमिग्रेशन, नाविक ऐंप्लायमैंट लेटर प्राप्त किए और 25-25 हजार और 90 हजार की तीन ट्रांजैक्शन में उसने कुल 1 लाख 40 हजार रुपए कोटक महिंद्रा बैंक में किसी रिंकू नामक युवक के खाते में ट्रांसफर कर दिए। पैसे ट्रांसफर होने पर दीपक मिश्रा ने उसे कहा कि 14 जुलाई को उसे शिप पर ले जाने के लिए एजेंट आएगा, परंतु उसे लेने कोई नही आया। उसने जब ऑनलाइन शिप की स्थिति का पता किया तो शिप पोर्ट से जा चुका था। उसने दीपक मिश्रा को फोन किया तो दीपक मिश्रा ने फोन नही उठाया और न ही मैसेज का जवाब दिया। उसके बार बार फोन करने पर दीपक मिश्रा ने फोन पर कहा कि डीजी शिपिंग की साइट ओपन नहीं हो रही, वह 7 से 10 दिन उसकी ज्वॉइनिंग करवा देगा। परंतु दीपक मिश्रा में कोई जॉइनिंग नही करवाई और पैसे वापस मांगने पर उसका नंबर ब्लॉक कर दिया। जिस पर उसे ठगी होने के बारे में पता चला। सब इंस्पेक्टर गुरमिंदर ने बताया कि हिसार साइबर थाना में अभिषेक की शिकायत पर उपरोक्त अभियोग अंकित किया गया। पुलिस जांच के दौरान अभिषेक द्वारा जिस बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए गए, उसकी डिटेल लेने पर वह अकाउंट गांव गुडला, करोली, राजस्थान के किसी व्यक्ति का मिला। परंतु उस बैंक अकाउंट में फोन नंबर आरोपी रामराज का था।