बुजुर्ग के साथ नौकरी के नाम पर ठगी, 1200 किलोमीटर का रेलवे ट्रैक पकड़कर चले पैदल, पढ़े धोखाधड़ी की पूरी कहानी
रोजगार का सब्जबाग दिखाकर किस तरह लोगों को पहले सपना दिखाया जाता है और फिर उससे सब कुछ छीनकर उसके सपनों को चकनाचूर किया जाता है, इसी का जीता जागता उदाहरण हैं साहिबगंज के पहाड़िया जनजाति के एक बुजुर्ग. झारखंड के इस बुजुर्ग को बिचौलिया पहले बहला कर दिल्ली ले गया. बाद में उसके पास मौजूद पैसे छीनकर, बिचौलिया ने उन्हें सड़क पर छोड़ दिया. लिहाजा वह 1200 किलोमीटर का रेलवे ट्रैक पकड़कर पैदलही धनबाद पहुंचे.
साहिबगंज के बर्जोम बामडा पहाड़िया नाम के बुजुर्ग दिल्ली यह सोच कर गए थे कि कुछ काम कर वह अपनी पत्नी को दो वक्त की रोटी खिलाकर उसका पेट भर सकेंगे. लेकिन उनकी किस्मत में शायद कुछ और ही लिखा था. काम दिलाने के लिए जो उन्हें दिल्ली ले गया, उसने थोड़े बहुत जमा पैसे भी उनसे उड़ा लिए. नतीजा यह हुआ कि उन्हें दिल्ली से रेलवे ट्रैक पकड़कर साहिबगंज अपने घर के लिए पैदल ही आना पड़ा.
पहाड़िया जनजाति के ये बुजुर्ग पिछले 4-5 महीनों से लंबी यात्रा कर रहे हैं. महुदा पहुंचने पर रोटी बैंक के सदस्यों ने उसके खाने पीने का इंतजाम किया और अब इन लोगों ने उन्हें घर पहुंचाने की ठानी है. रोटी बैंक के सदस्य ने कहा कि इन्हें बस के माध्यम से घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है.
साहिबगंज जिले के ब्लॉक-पतना, पंचायत-तालजरी, आमडभीठा के रहने वाले बर्जोम बामडा पहाड़िया, पिछले 4-5 महीनों से रेलवे ट्रैक के रास्ते सफर कर रहे हैं. इनके पास थोड़े पैसे के अलावा एक बैग भी था, जिसमें आधार कार्ड व अन्य सामान थे. रास्ते में वह भी किसी ने छीन लिया. वह भूखे प्यासे दिन रात चलते रहे. ताकि किसी तरह अपने घर पहुंच जाएं. बुजुर्ग पत्नी के अलावा, परिवार में इनका कोई नहीं है.
डीआरएम आशीष बंसल ने कहा कि समाचार पत्रों से जानकारी मिली है कि दिल्ली से ट्रैक पर चलते हुए एक व्यक्ति धनबाद पहुंच गया है. रेलवे से संबंधित किसी भी सदस्य को शख्स के बारे में पता नहीं चल पाया, यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है. फिर भी देख रहे हैं.