धोखाधड़ी मामला: शक्ति भोग फूड्स के खिलाफ बैंकों से फर्जीवाड़े का आरोप, CBI ने दर्ज की एफआईआर
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय स्टेट बैंक
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व वाले 10 बैंकों के एक समूह से 3269 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में शक्ति भोग फूड्स लिमिटेड के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इस सिलसिले में स्टेट बैंक ने शिकायत दर्ज कराई थी.
सीबीआई ने दिल्ली स्थित शक्ति भोग फूड्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक केवल कृष्ण कुमार, निदेशक सिद्धार्थ कुमार और सुनंदा कुमार को मामले में आरोपी बनाया है.
सीबीआई के पास दर्ज शिकायत में एसबीआई ने आरोप लगाया है कि वित्तीय वर्ष 2015-16 के ऑडिट के दौरान कंपनी ने दिखाया कि कीटों की वजह से उसका 3000 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया और उसे भारी नुकसान हुआ. बाद में इसे बहुत कम कीमत पर बेचा गया.
एसबीआई ने अपनी शिकायत में कहा कि यह दावा ऑडिट रिपोर्ट में सामने आए तथ्यों का विरोधाभासी है. एसबीआई के अनुसार, फर्म के स्टॉक और ऑडिट रिपोर्ट से पता चला कि 2015 में कंपनी के गोदामों में 3500 करोड़ रुपये से अधिक का स्टॉक था.
प्राथमिकी में कहा गया है कि शक्ति भोग कंपनी के शीर्ष अधिकारियों ने खातों और फर्जी दस्तावेजों के जरिए फर्जीवाड़ा किया और सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किया. शक्ति भोग फूड्स लिमिटेड एक 24 साल पुरानी कंपनी है, जिसने 2014 में 6000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया था. हालांकि, अगले साल कंपनी पर 2016.60 करोड़ रुपये का बकाया हो गया और कंपनी के खाते गैर-निष्पादित संपत्ति में तब्दील कर दिए गए हैं और 2019 में इसे फर्जी करार दे दिया गया.
बैंक की शिकायत थी कि गेहूं, आटा, चावल, बिस्कुट आदि तैयार करने वाली कंपनी के खाते एनपीए में तब्दील हो गए. धान के मूल्य में तेजी से हुई गिरावट की वजह से कंपनी के खाते एनपीए में तब्दील हो गए. कंपनी को काफी नुकसान हुआ. कंपनी को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई में 10 बैंकों के एक कंसोर्टियम से 2000 करोड़ रुपये से अधिक की अग्रिम सुविधाएं मिली थीं. शक्ति भोग के खिलाफ 31 मार्च, 2020 तक कुल 3269 करोड़ रुपये का बकाया है. इसमें एसबीआई के 1903 करोड़ रुपये शामिल हैं.