नई दिल्ली (आईएएनएस)| आइजोल की एक विशेष सीबीआई अदालत ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तत्कालीन मिशन निदेशक एन. पल्लई और तत्कालीन कार्यकारी अभियंता, पीडब्ल्यूडी, मिजोरम सरकार, लालसांगलियाना छक्छुआक को मिजोरम की राजधानी में सिविल अस्पताल के उन्नयन के लिए 5.74 करोड़ रुपये की हेराफेरी से संबंधित एक मामले में चार साल कैद की सजा सुनाई है। दोनों को राज्य सरकार को 29,48,819 रुपये का नुकसान पहुंचाने का दोषी ठहराया गया है। अदालत ने उन्हें कैद की सजा सुनाते हुए पल्लई पर 24 लाख रुपये और छक्छुआक पर छह लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
सीबीआई ने 31 जनवरी, 2014 को मिजोरम सरकार के अनुरोध पर आइजोल में सिविल अस्पताल के उन्नयन के लिए 5.74 करोड़ रुपये की हेराफेरी के आरोप में अभियुक्तों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जांच के दौरान, यह पाया गया कि पल्लई और छक्छुआक ने 29,48,819 रुपये की राशि का गबन किया था।
सीबीआई ने जांच के बाद 30 सितंबर 2015 को दोनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। मंगलवार को अदालत ने उक्त आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।