मानव तस्करी के शिकार चार भारतीयों की मौत, परिवार चिंतित, पीएम का आया ये बयान
अहमदाबाद: कनाडा-अमेरिका बॉर्डर (America Canada border) पर मानव तस्करी के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. बीते दिनों चार भारतीय भी इसका शिकार हुए हैं. इन लोगों ने अमेरिका के रास्ते कनाडा में कथित गैर-कानूनी तरीके से प्रवेश कर तो लिया लेकिन -35 डिग्री तापमान में जमकर इनकी मौत हो गई. इन चार लोगों में एक नवजात भी शामिल था. मारे गए लोग गुजरात के हैं, इसकी आशंका है. फिलहाल इनकी पहचान नहीं हुई है. इस घटना पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी शोक व्यक्त करते हुए राजदूतों से रिपोर्ट मांगी है.
जानकारी के मुताबिक, यूएस/कनाडा बॉर्डर के पास पिछले एक महीने में तीन अलग-अलग मानव तस्करी के मामले सामने आए हैं. इसमें सात भारतीय लोगों की गिरफ्तारी हुई है, वहीं चार लोगों की लाश मिली है. पकड़े गए सभी सात लोग गुजराती बोलते हैं. इनमें से कुछ को थोड़ी बहुत इंग्लिश आती है, वहीं कुछ को बिल्कुल भी नहीं. बता दें कि भारत के बाहर यूएस और कनाडा में भी काफी तादाद में गुजराती मौजूद हैं.
गुजरात के गांधीनगर जिले के दिंगुचा गांव के एक व्यक्ति ने रविवार को कहा कि वह और उसके परिजन, अमेरिका-कनाडा सीमा पार करने के दौरान चार लोगों के ठंड से मरने की खबर सुनकर चिंतित हैं. व्यक्ति ने कहा कि वह अपने परिवार के उन सदस्यों से संपर्क नहीं कर पा रहा है जो हाल में कनाडा के लिए रवाना हुए थे.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, गांधीनगर के जिलाधिकारी कुलदीप आर्य ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि दिंगूचा गांव से एक परिवार वैध वीजा पर कनाडा गया था लेकिन मृतकों या उनके इस गांव से संबंध होने के बारे में उन्हें कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है. बता दें कि गुजरात के जगदीश पटेल हाल में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ कनाडा रवाना हुए थे. फिलहाल रिश्तेदार उनसे किसी भी तरह संपर्क नहीं कर पाए हैं.
यूएस से कनाडा में घुसने की अवैध कोशिशों को रोकने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है. कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने इसकी जानकारी दी. बता दें कि 2016 में जब डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे, तब से बॉर्डर क्रॉस कर कनाडा जाने का चलन तेज हुआ था जो अबतक जारी है. ट्रूडो ने कहा कि बेहतर जीवनस्तर के लिए लोग ऐसा करते हैं लेकिन इस तरह बॉर्डर क्रॉस करके घुसने की कोशिश जानलेवा साबित होती है. इसमें खतरा है, इसलिए इसे रोकने के हरसंभव प्रयास हो रहे हैं.