जामिया मिल्लिया इस्लामिया में इंटरनेशनल हॉस्टल की बुनियाद रखी गई

Update: 2023-07-10 06:46 GMT

फाइल फोटो

नई दिल्ली: देश के प्रसिद्ध विश्‍वविद्यालयों में शुमार दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया में इंटरनेशनल हॉस्टल की आधारशिला रखी गई है। यहां तीन छात्रावासों - डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम हॉल, सर ए.एम. ख्वाजा हॉस्टल और डॉ. बी.आर. अम्बेडकर छात्रावास का उद्घाटन भी किया गया।
केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने रविवार को जामिया के इस इंटरनेशनल हॉस्टल की आधारशिला रखी व तीनों छात्रावासों का उद्घाटन किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जामिया ने बहुत अच्छी प्रगति की है और नैक, एनआईआरएफ और अन्य रैंकिंग में विश्वविद्यालय के प्रदर्शन में निरंतर सुधार इसका प्रमाण है। इतना ही नहीं, विश्वविद्यालय में कई नए संकाय और विभाग शुरू किए गए हैं जो सराहनीय है। डॉ. सिंह ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जामिया एक ऐसे शैक्षणिक संस्थान के रूप में उभरा है जो भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता को रेखांकित करता है, जोकि मुझे लगता है कि देश की समावेशी भावना है। यह सीखने की ऐसी भावना को विकसित करने में मदद करता है जो परंपराओं को आधुनिकता के साथ, मानवतावाद को व्यवहारवाद के साथ और राष्ट्र निर्माण को व्यावसायिकता के साथ जोड़ती है। यह उच्च शिक्षा में जामिया के योगदान का एक संकेतक है।
डॉ. रंजन ने कहा, “यह कहने की जरूरत नहीं है कि देश के समग्र विकास में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका है और इस संबंध में जामिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस तकनीकी रूप से उन्नत समय में जामिया ने हमारे छात्रों को समय की जरूरतों के अनुरूप आधुनिक शिक्षा हासिल करने में मदद की है। मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि जामिया ऐसे विश्वविद्यालयों में से एक है जो तकनीकी रूप से सुसज्जित और शैक्षिक रूप से आधुनिक हैं।“
नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के प्रमुख बिंदुओं को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए कुलपति प्रो. नजमा अख्तर के प्रयासों की सराहना करते हुए डॉ. सिंह ने कहा, “मुझे यह जानकर खुशी हुई कि जामिया अपनी शैक्षणिक नीतियों और कार्यक्रमों को एनईपी 2020 के साथ जोड़ रहा है।”
वहीं, जामिया की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने कहा, "केंद्र सरकार युवाओं के विचारों को उनकी शक्ति और प्रतिभा में दृढ़ विश्‍वास के साथ पोषित कर रही है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रगतिशील नेतृत्व में काम करना एक बड़ा सौभाग्य मानती हूं। यह उनके मजबूत और निरंतर समर्थन और परिवर्तनकारी नेतृत्व के माध्यम से ही संभव है कि हम जामिया मिल्लिया इस्लामिया को एक कठिन विकास पथ पर ले चलने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदान करने में सक्षम हैं। इससे यह उत्कृष्टता, नवाचारों, अग्रणी अनुसंधान, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और पारदर्शिता की एक समृद्ध टेपेस्ट्री के रूप में उभर सके और सीमाओं को पार करते हुए रचनात्मकता की संस्कृति और नई संभावनाओं की खोज कर रहा है।”
जामिया आए केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री ने विश्‍वविद्यालय के डीन, विभागाध्यक्षों, अधिकारियों और छात्रों के साथ बातचीत भी की। उन्होंने जामिया और देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए कई अमूल्य सुझाव दिए।
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