पाकिस्तान के पत्रकार नुसरत मिर्जा के दावों पर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का बयान
पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का बयान
पाकिस्तान के पत्रकार नुसरत मिर्जा के दावों पर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का बयानआया है। पाकिस्तानी पत्रकार के दावे का हवाला देकर भाजपा ने हामिद अंसारी और कांग्रेस पर निशाना साधा है। नुसरत मिर्जा के दावों ने भारत की राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। इसको लेकर बुधवार को हामिद अंसारी ने कहा कि उनके खिलाफ मीडिया के एक सेक्शन में झूठ का पुलिंदा चलाया जा रहा है, इसमें भाजपा के आधिकारिक प्रवक्ता शामिल हैं। हामिद अंसारी ने कहा कि ये ज्ञात तथ्य है कि विदेश मेहमानों को उप राष्ट्रपति द्वारा न्योता दिए जाने की प्रक्रिया सरकार के सलाह पर की जाती है और इसमें मुख्यत: विदेश मंत्रालय शामिल होता है। पूर्व उपराष्ट्रपति ने नुसरत मिर्जा से मिलने या न्योता देने की बात को खारिज किया।
अपने बयान में पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा, "11 दिसंबर 2010 को आतंकवाद पर मैंने एक कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया था। सामान्य तौर पर मेहमानों की सूची की आयोजकों ने तैयार की थी, मैंने उसे कभी नहीं न्योता दिया और न ही मिला।" उन्होंने ईरान में अपने राजदूत के कार्यकाल का जिक्र किया और कहा, "बतौर राजदूत मेरे काम की सारी जानकारी तत्कालीन सरकार के पास थी। मैं राष्ट्रीय सुरक्षा की प्रतिबद्धता से बंधा हुआ हूं और ऐसे मामलों पर टिप्पणी करने से बचता हूं।" उन्होंने कहा कि भारत सरकार के पास सारी जानकारी मौजूद है और वह इस मामले में सच बताने वाली एकमात्र अथॉरिटी है। बता दें कि भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पाकिस्तान के पत्रकार के दावों का हवाला देते हुए हामिद अंसारी और कांग्रेस से स्पष्टीकरण मांगा था।
हामिद अंसारी ने उपराष्ट्रपति रहते मुझे पांच बार भारत बुलाया, इस दौरान जुटाई जानकारी आईएसआई को दी- पाकिस्तानी पत्रकार के इस दावे पर हमलावर हुई बीजेपीगौरव भाटिया ने कांग्रेस और पूर्व उपराष्ट्रपति पर निशाना साधते हुए कहा था, "पाकिस्तान पत्रकार बताता है कि अति संवेदनशील और गोपनीय जानकारी एक बार नहीं बल्कि पांच बार साझा की गई।" भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया था कि उसने ये जानकारी हामिद अंसारी से ली और इस जानकारी को भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया गया। भाजपा नेता भाटिया ने कहा कि देश की जनता ये पूछना चाहती है कि आतंकवाद का खात्मा करने के लिए क्या कांग्रेस की तब की सरकार की ये नीति थी।