पेपर सॉल्व करने का ठेका लेता था पूर्व शिक्षक, व्यापमं घोटाले में गिरफ्तार

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Update: 2024-02-21 02:07 GMT

यूपी। यूपी पुलिस में व्यापमं घोटाले में सजायाफ्ता रहे अपराधी को फिर से धोखाधड़ी के सिलसिले में गिरफ्तार किया है. सामने आया है कि, आरोपी कई अभ्यर्थियों से परीक्षा पास कराने के नाम पर धोखाधड़ी कर चुका था और सॉल्वर गैंग का सरगना था. आरोपी मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले में सजायाफ्ता रह चुका है और तीन साल की जेल काटी है. पहले वह शिक्षक था. पुलिस पूछताछ में उससे कई खुलासे हुए हैं. सामने आया है कि आरोपी ने पुलिस भर्ती से पहले भी कई परीक्षाओं में सॉल्वर बिठाए थे. अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक एमपी मुरैना निवासी अमिताभ रावत कई तरह की परीक्षाओं के पेपर लीक करवाता था. छात्रों से पैसे लेकर अपने साथियों से पेपर को सॉल्व करने का ठेका लिया करता था.

पुलिस ने कहा कि एसटीएफ नोएडा की एक टीम ने झांसी पुलिस के साथ मिलकर रावत को उस समय गिरफ्तार कर लिया, जब वह झांसी में शिल्प मेला ग्राउंड के पास अपनी कार में इंतजार कर रहा था. पुलिस ने कहा कि इस मामले के संबंध में झाँसी के नवाबाद पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है जहाँ आगे की कानूनी कार्यवाही की जा रही है. व्यापमं घोटाला, जो 2013 में सामने आया था, मध्य प्रदेश सरकारी सेवा और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षाओं में धांधली में गैंगस्टरों, अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं की कथित सांठगांठ से संबंधित था.

आरोपी से पूछताछ में उसने कई अपने साथियों के नाम भी बताए हैं. इन लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा लिखा गया है. भर्ती परीक्षाओं में कराता था धांधली अभिताभ रावत ने पूछताछ में बताया कि उसने वर्ष 2006 में डीईडी कर लिया था. वर्ष 2009 में प्राइमरी स्कूल जोरा मुरैना, मध्य प्रदेश में शिक्षक की नौकरी लग गई. 2017 में जब वह एमए कर रहा था तो उसकी मुलाकात राजेन्द्र रावत निवासी ग्राम चनोता, मुरैना मध्य प्रदेश से हुई. राजेन्द्र प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यार्थियों से पैसा लेकर सॉल्वर बैठाता था. राजेन्द्र से ही अभिताभ ने यह काम सीखा था. उसके बाद अभिताभ ने भी अभ्यार्थियों से पैसे लेकर परीक्षाओं में फर्जी सॉल्वर बैठाने का काम शुरू कर दिया था.

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