तिरुवनंतपुरम: केरल के एक सरकारी कॉलेज में शिक्षक की नौकरी के लिए फर्जी दस्तावेज बनाने की आरोपी पूर्व एसएफआई नेता के. विद्या को गिरफ्तार कर लिया गया है, सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। बुधवार रात अपनी गिरफ्तारी के बाद पुलिस को दिए एक बयान में के. विद्या ने इस मामले को कांग्रेस द्वारा उनके और राज्य सीपीआई (एम) नेतृत्व के खिलाफ जाल बताया।
विद्या पर पलक्कड़ के एक सरकारी कॉलेज में गेस्ट लेक्च रर का पद हासिल करने के लिए अपने अनुभव प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा करने का आरोप है। विद्या ने पुलिस को बताया है कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया है और वह कांग्रेस समर्थित शिक्षक संगठन द्वारा रची गई साजिश का शिकार हुई है। बता दें कि कासरगोड निवासी विद्या को कोझिकोड में उसके दोस्त के घर से गिरफ्तार किया गया है।
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने गुरुवार सुबह कासरगोड में मीडिया से कहा कि क्या केरल पुलिस इतनी अक्षम है कि वह एक भगोड़े को नहीं पकड़ सकती? ऐसा इसलिए क्योंकि सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली सरकार अपने कट्टर समर्थकों में से एक को गिरफ्तार नहीं करना चाहती है। एसएफआई द्वारा किए गए इस गंभीर अपराध को दो सप्ताह से अधिक समय हो गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन कहां हैं, वह चुप क्यों हैं?
सीपीआई (एम) केंद्रीय समिति के नेता ए.के. बालन ने विद्या की गिरफ्तारी में देरी पर पलटवार करते हुए कहा कि जब देश जल रहा है, तो प्रधानमंत्री अमेरिका में योग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां कांग्रेस को ऐसी चीजों की कोई परवाह नहीं है और वह निहित स्वार्थों के लिए विजयन और एसएफआई को निशाना बनाने में व्यस्त है।
केरल में, 80 प्रतिशत से अधिक शैक्षणिक संस्थानों में एसएफआई का शासन है और सीपीआई (एम) का सपोर्ट बेस 45 प्रतिशत है, जो दर्शाता है कि एसएफआई के पास सभी राजनीतिक दलों से ज्यादा पावर है। बालन ने कहा कि एसएफआई एक ऐसा संगठन है जो राज्य का अभिन्न अंग बन गया है और उसे निशाना बनाया जा रहा है। बता दें कि विद्या पर आईपीसी की धारा 465 (जालसाजी के लिए सजा), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी करना) और 471 (धोखाधड़ी से जाली दस्तावेजों को असली के रूप में इस्तेमाल करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। विद्या को पलक्कड़ की एक अदालत में पेश किया जाएगा।