पूर्व राष्‍ट्रपति अशरफ गनी का भाई तालिबान के साथ मिला, किसका कितना क़ाबुल एयरपोर्ट, 31 अगस्त के बाद क्या होगा ?

Update: 2021-08-26 02:30 GMT

अरबों रुपये लेकर अफगानिस्‍तान से फरार हुए पूर्व राष्‍ट्रपति अशरफ गनी को बड़ा झटका लगा है। ऐसी खबरें आ रही हैं कि अशरफ गनी के भाई हश्‍मत गनी अहमदजई तालिबान के साथ मिल गए हैं और आतंकियों की मदद करने का वादा किया है। इस दौरान तालिबान के नेता खलील उर रहमान और इस्‍लामिक विद्वान मुफ्ती महमूद जाकिर मौजूद थे। अशरफ गनी इन दिनों परिवार के साथ संयुक्‍त अरब अमीरात में जीवन बिता रहे हैं।

हश्‍मत गनी के तालिबान के साथ मिलने से अशरफ गनी के लिए शर्मनाक स्थिति पैदा हो गई है। इससे पहले ही अशरफ गनी 12 अरब 57 करोड़ रुपए लेकर फरार होने के आरोपों का सामना कर रहे हैं। हालांकि खुद अशरफ गनी ने इन आरोपों का खंडन किया था और कहा था कि वे अपने जूते तक नहीं पहन पाए थे और उन्‍हें अफगानिस्‍तान से जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। अशरफ गनी ने बुधवार को एक वीडियो मैसेज जारी करके कहा था कि काबुल को तालिबान ने घेर लिया था और वह रक्‍तपात को रोकने के लिए देश छोड़कर गए।

अफगानिस्तान से पूरी तरह निकलने के लिए तय की गई 31 अगस्त की तारीख अमेरिका के गले की फांस बन गई है। जो बाइडेन पर तारीख बढ़ाने का दबाव है लेकिन तालिबान ने साफ तौर पर कह दिया है कि डेडलाइन में कोई बदलाव बर्दाश्त नहीं होगा। पश्चिम देश अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए अभी भी संघर्ष कर रहे हैं। काबुल एयरपोर्ट पर भीड़ बढ़ रही है और सुविधाएं इतनी बड़ी संख्या में लोगों को संभालने के लिए उपयुक्त नहीं हैं। एयरपोर्ट फिलहाल पश्चिमी सेनाओं के नियंत्रण में है लेकिन देश छोड़ने को उत्सुक लोगों के बीच अफरा-तफरी बढ़कर कई बार भगदड़ में बदल चुकी है और गोलीबारी भी हो चुकी है। इस कारण करीब 20 लोगों की जान जा चुकी है।

31 अगस्त की तारीख

अमेरिका ने ऐलान किया था कि उसका 20 साल लंबा अभियान 31 अगस्त को खत्म हो जाएगा और उसके सभी सैनिक अफगानिस्तान छोड़ देंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यह तारीख अप्रैल में घोषित की थी। लेकिन सभी लोगों को निकालने का काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है इस कारण बहुत से देश चाहते हैं कि अमेरिका अपनी समयसीमा को 31 अगस्त से बढ़ा दे. जो बाइडेन ने पिछले हफ्ते कहा भी था कि जरूरत पड़ने पर अमेरिकी सैनिक ज्यादा समय तक रुक सकते हैं।

मगर इस बीच तालिबान ने स्पष्ट कर दिया है कि तारीख में किसी तरह का बदलाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसा होता है तो अमेरिका को नतीजे भुगतने होंगे। तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने अमेरिकी समाचार चैनल स्काई न्यूज को बताया कि अगर अमेरिका और ब्रिटेन लोगों को निकालने के लिए अतिरिक्त समय चाहते हैं तो जवाब है, नहीं। ऐसा नहीं हुआ तो नतीजे भुगतने होंगे।

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