नई दिल्ली। कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे यूपी के चर्चित नेता अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को जेल से रिहा किया जाएगा. सजा में ये कटौती उनकी सेहत और जेल में अच्छे व्यवहार की वजह से की जा रही है. ऐसे में आज हम आपको मधुमिता शुक्ला हत्याकांड की वो कहानी बताएंगे जिसने अमरमणि त्रिपाठी के सितारों को गर्दिश में मिला दिया और उन्हें दो दशक (20 साल) जेल में बिताना पड़ा.
तारीख थी 9 मई 2003, यूपी की राजधानी लखनऊ में पेपर मिल कॉलोनी में सिर्फ 24 साल की उभरती हुई कवियत्री मधुमिता शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई. बदमाशों ने उनके दो कमरों के अपार्टमेंट में घुसकर बेहद करीब से उन्हें गोली मारी थी. जिस वक्त मधुमिता शुक्ला को गोली मारी गई उस वक्त वो 7 महीने की गर्भवती थी. हालांकि उनके गर्भवती होने की जानकारी बाद में सामने आई थी. मधुमिता शुक्ला की हत्या की खबर जैसे ही सामने आई कुछ ही मिनटों में पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई. जांच के दौरान पुलिस अधिकारियों को मधुमिता के नौकर ने जो जानकारी दी उससे हड़कंप मच गया. मधुमिता के घर काम करने वाले देशराज ने पुलिस को अमरमणि और मधुमिता के प्रेम प्रसंग के बारे में जानकारी दी. उस वक्त उत्तर प्रदेश में मायावती की सरकार थी और अमरमणि कद्दावर मंत्रियों में शुमार थे, इसलिए पुलिस बेहद संभल कर जांच कर रही थी.