बैंक में गबन के आरोप में पूर्व कर्मचारी को तीन साल जेल की सजा

Update: 2023-09-18 17:57 GMT
झज्जर। लगभग 11 साल एक पुराने मामले में जिले की एक अदालत ने सहकारी बैंक के एक तत्कालीन कर्मचारी को दोषी करार देते हुए उसे तीन साल की सजा सुनाई है। जबकि इसी मामले मेें सह आरोपी ठहराए गए बैंक के ही एक पूर्व कर्मचारी को अदालत ने बरी कर दिया। मामला झज्जर जिले के दा झज्जर सेंट्रल को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड की छारा शाखा का है। इस मामले में जिले की बहादुरगढ़ सदर थाना पुलिस ने साल 2012 में प्राथमिक सूचना रिपोर्ट दर्ज की थी। दर्ज मामले में बैंक के ही पूर्व कर्मचारी दलजीत को मुख्य आरोपी और एक अन्य कर्मचारी बलबीर को सह आरोपी बनाया गया था। पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर नंबर 142 के तहत आरोप था कि बैंक से योजनाबद्ध तरीके से दो करोड़ रुपये से भी ज्यादा की राशि का गबन किया हुआ है।
अभियोजन पक्ष की तरफ से इस मामले में बतौर सरकारी वकील सुनील खटक पेश हुए। खटक ने बताया कि पैरवी के दौरान उन्होंने अभियोजन पक्ष की ओर से न सिर्फ 88 गवाह पेश किए गए बल्कि कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी अदालत के सामने रखे। मामले में मुख्य आरोपी बैंक के पूर्व कर्मचारी दलजीत की तरफ से पैरवी के दौरान मामले का ऐसा कोई भी दस्तोवज या प्रमाण पेश नहीं किया जा सका जिससे की उस पर लगा आरोप झूठा साबित होता हो। एडवोकेट खटक ने बताया कि बहादुरगढ़ की एसडीजेएम वर्षा शर्मा ने इस मामले की तह तक जाते हुए सोमवार को दिए अपने फैसले में मुख्य आरोपी दलजीत को कई धाराओं में तीन-तीन साल की सजा और एक-एक हजार रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई। जबकि इसी मामले में सह आरोपी ठहराए गए बैंक के एक कर्मचारी बलबीर को अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया। मुख्य आरोपी दलजीत को धारा 420, 467, 468 व 471 के तहत तीन साल की सजा और एक हजार रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई है।
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