पूर्व DGP ने फेसबुक पर मां के लिए मांगा खून, ये है वजह

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Update: 2022-03-04 15:42 GMT

लखनऊ: आम हो या खास। कोरोनाकाल से अब तक सोशल मीडिया पर मदद का सिलसिला जारी है। सूबे के पूर्व पुलिस मुखिया सुलखान सिंह भी इस अनुभव से गुजरे। उनकी मां के ऑपरेशन के लिए खून कू जरूरत थी और ब्लड ग्रुप ए निगेटिव। जो कि दुर्लभतम ब्लड ग्रुप है। आसपास, रिश्तेदार-परिचित भी मदद न कर सके तो सोशल मीडिया पर उन्होंने गुहार लगाई। कवायद रंग लाई और महज चार घंटे में ब्लड मिल गया और सफलता पूर्वक ऑपरेशन किया जा सका।

दरअसल, बांदा के जौहरपुर निवासी पूर्व डीजीपी सुलखान की सिंह के पिता लाखन सिंह और मां करूइया देवी गांव में रहते हैं। पूर्व डीजीपी के मुताबिक, बीते रविवार को गिरने से मां की जांघ के ऊपर की हड्डी टूट गई थी। बुधवार को उन्होंने मां को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज बांदा में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी। इसके लिए ब्लड की आवश्यकता थी और ब्लड ग्रुप ए-निगेटिव था, जो कि बहुत कम लोगों में ही होता है। इस वजह से इसकी व्यवस्था नहीं हो पा रही थी।
बांदा समेत आसपास के जिलों में के ब्लड बैंक में संपर्क किया गया। लेकिन हर तरफ मायूसी ही हाथ लग रही थी। इसके बाद उन्होंने फेसबुक पर अपनी समस्या जाहिर करते हुए मदद की गुहार लगाई। तत्काल मटौंध थाना के भूरागढ़ चौकी इंचार्ज राहुल सिंह और कालूकुआं निवासी श्रुति शर्मा ने संपर्क किया। दोनों ने एक-एक यूनिट रक्तदान किया और शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज में ऑपरेशन सफल रहा। पूर्व डीजीपी ने दोनों रक्तदाताओं का शुक्रिया अदा किया।
पूर्व डीजीपी ने बताया कि कानपुर के ब्लड बैंक में दो यूनिट रक्त होने की जानकारी मिली। लेकिन वहां से आने-जाने में कम से सात से आठ घंटे लगते, लेकिन सोशल मीडिया पर मैसेज वायरल होते ही महज चार घंटे में कई लोगों ने संपर्क किया। इससे सोशल मीडिया प्लेटफार्म के सशक्त होने का अहसास हुआ। मदद के लिए आए कॉल के सभी नंबरों को उन्होंने सुरक्षित कर लिया है। उनका कहना है कि अब इस ब्लड ग्रुप वालों की जानकारी वह खुद भी शेयर करेंगे, जिससे भविष्य में जरूरतमंद की मदद हो सके।
आम हो या खास। कोरोनाकाल से अब तक सोशल मीडिया पर मदद का सिलसिला जारी है। सूबे के पूर्व पुलिस मुखिया सुलखान सिंह भी इस अनुभव से गुजरे। उनकी मां के ऑपरेशन के लिए खून कू जरूरत थी और ब्लड ग्रुप ए निगेटिव। जो कि दुर्लभतम ब्लड ग्रुप है। आसपास, रिश्तेदार-परिचित भी मदद न कर सके तो सोशल मीडिया पर उन्होंने गुहार लगाई। कवायद रंग लाई और महज चार घंटे में ब्लड मिल गया और सफलता पूर्वक ऑपरेशन किया जा सका।
दरअसल, बांदा के जौहरपुर निवासी पूर्व डीजीपी सुलखान की सिंह के पिता लाखन सिंह और मां करूइया देवी गांव में रहते हैं। पूर्व डीजीपी के मुताबिक, बीते रविवार को गिरने से मां की जांघ के ऊपर की हड्डी टूट गई थी। बुधवार को उन्होंने मां को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज बांदा में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी। इसके लिए ब्लड की आवश्यकता थी और ब्लड ग्रुप ए-निगेटिव था, जो कि बहुत कम लोगों में ही होता है। इस वजह से इसकी व्यवस्था नहीं हो पा रही थी।
बांदा समेत आसपास के जिलों में के ब्लड बैंक में संपर्क किया गया। लेकिन हर तरफ मायूसी ही हाथ लग रही थी। इसके बाद उन्होंने फेसबुक पर अपनी समस्या जाहिर करते हुए मदद की गुहार लगाई। तत्काल मटौंध थाना के भूरागढ़ चौकी इंचार्ज राहुल सिंह और कालूकुआं निवासी श्रुति शर्मा ने संपर्क किया। दोनों ने एक-एक यूनिट रक्तदान किया और शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज में ऑपरेशन सफल रहा। पूर्व डीजीपी ने दोनों रक्तदाताओं का शुक्रिया अदा किया।
पूर्व डीजीपी ने बताया कि कानपुर के ब्लड बैंक में दो यूनिट रक्त होने की जानकारी मिली। लेकिन वहां से आने-जाने में कम से सात से आठ घंटे लगते, लेकिन सोशल मीडिया पर मैसेज वायरल होते ही महज चार घंटे में कई लोगों ने संपर्क किया। इससे सोशल मीडिया प्लेटफार्म के सशक्त होने का अहसास हुआ। मदद के लिए आए कॉल के सभी नंबरों को उन्होंने सुरक्षित कर लिया है। उनका कहना है कि अब इस ब्लड ग्रुप वालों की जानकारी वह खुद भी शेयर करेंगे, जिससे भविष्य में जरूरतमंद की मदद हो सके।
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