पूर्व सीएम येदियुरप्पा और बेटा विजयेंद्र 17 अगस्त से पहले हाईकोर्ट में तलब, भ्रष्टाचार के मामले में भेजा समन

कर्नाटक के सीएम कुर्सी जाते ही वरिष्ठ भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा की मुसीबतें शुरू हो गई हैं।

Update: 2021-08-06 17:44 GMT

कर्नाटक के सीएम कुर्सी जाते ही वरिष्ठ भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा की मुसीबतें शुरू हो गई हैं। कर्नाटक हाईकोर्ट ने उन्हें व उनके पुत्र बीवाई विजयेंद्र को तलब किया है। उन्हें समन भेजकर 17 अगस्त से पहले कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया गया है। यह मामला एक आवास योजना में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है।

पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा व अन्य को गुरुवार को समन जारी किया गया। उनके परिवार के सदस्यों शशिधर मराडी, विरुपक्षप्पा यमकनामरादी, संजयश्री, ठेकेदार चंद्रकांत रामलिंगम, पूर्व मंत्री एस.टी. सोमशेखर, आईएएस अधिकारी डॉ. जी.सी. प्रकाश, होटल उद्योगपति के. रवि को भी हाईकोर्ट ने तलब किया है।
एक्टिविस्ट अब्राहम की याचिका पर नोटिस
हाईकोर्ट ने ये समन एक्टिविस्ट व वकील टी.जे. अब्राहम की याचिका पर जारी किया है। याचिका में अतिरिक्त सिविल व सेशन जज द्वारा उनकी अर्जी को खारिज करने को चुनौती दी गई है। निचली कोर्ट ने उस वक्त उनकी अर्जी इसलिए खारिज कर दी थी क्योंकि तब येदियुरप्पा मुख्यमंत्री व सोमशेखर मंत्री थे। उनके खिलाफ केस के लिए सक्षम अधिकारी की मंजूरी नहीं ली गई थी। इसके बाद न्यायमूर्ति सुनील दत्त यादव की अध्यक्षता वाली हाईकोर्ट की पीठ ने जांच के लिए याचिका स्वीकार कर ली क्योंकि येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
यह है आरोप
येदियुरप्पा को बेंगलुरु विकास प्राधिकरण (बीडीए) की एक आवास योजना को लेकर ठेकेदारों से रिश्वत मिली थी। इसके लिए येदियुरप्पा के परिवार ने मुख्यमंत्री कार्यालय का दुरुपयोग किया। याचिका में येदियुरप्पा पर रिश्वत लेने के लिए योजनाओं को आवंटित करने, गति देने और मंजूरी देने में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है। कांग्रेस ने यह मामला 2020 में विधानसभा में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के दौरान भी उठाया था। हालांकि येदियुरप्पा व उनके पुत्र विजयेंद्र ने आरोपों का खंडन किया है। उनका कहना है कि इन आरोपों में कोई सचाई नहीं है।
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