गोवा। टीएमसी के लिए शनिवार का दिन कुछ खास नहीं रहा. सीएम ममता बनर्जी को एक साथ दो झटके लगे हैं. एक तरफ तो उनकी करीबी माने जाने वाले यासिर हैदर ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया तो दूसरी ओर गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री चर्चिल अलेमाओ ने भी शनिवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) छोड़ दी. सूत्रों के मुताबिक वह एनसीपी अजित गुट में शामिल हो सकते हैं. हालांकि इस दल बदलने की प्रक्रिया को लेकर अलेमाओ की टिप्पणी सामने नहीं आई है, लेकिन यासिर हैदर ने कांग्रेस में शामिल होने पर खुशी जताई है.
बता दें कि तृणमूल कांग्रेस के युवा नेता रहे यासिर हैदर शनिवार को कांग्रेस के हो गए. हैदर टीएमसी नेता और पश्चिम बंगाल की बनर्जी सरकार में मंत्री फिरहाद हकीम के दामाद है. हैदर टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के काफी करीबी रहे हैं और उन्होंने इसी साल टीएमसी छोड़ दी थी. कांग्रेस में शामिल होने पर यासिर हैदर ने खुशी जताई और टीएमसी में अपनी स्थिति को लेकर दुख जताया. उन्होंने कहा कि, 'मेरी पहचान एक पॉलिटिकल लीडर के तौर पर नहीं, बल्कि, एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में थी. मेरा जमीनी स्तर पर लोगों के साथ जुड़ाव था. मैंने पार्टी के लिए दिन-रात काम किया लेकिन मुझे उसका कोई इनाम नहीं मिला. 2019 में मुझे पता चला कि मेरा नाम गायब है,''
एक तरफ तो कांग्रेस और टीएमसी 26 दलों वाले विपक्षी गठबंधन 'INDIA' का हिस्सा हैं, लेकिन सांसद अधीर रंजन चौधरी आए दिन बंगाल सरकार पर विभिन्न मुद्दों को लेकर हमले करते रहे हैं और दूसरी तरफ टीएमसी के एक युवा कद्दावर नेता का कांग्रेस में चले जाना ममता के लिए झटका है.
बता दें कि फिरहाद हकीम, शहरी विकास, नगरपालिका मामलों और आवास कैबिनेट मंत्री हैं और कोलकाता पोर्ट सीट से टीएमसी विधायक भी हैं. उनके लिए कहा जाता है कि उन्होंने विकास कार्यों को कोई महत्व नहीं दिया. अपने दामाद के कांग्रेस में शामिल होने पर उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा कि, 'मुझे विकास की बिल्कुल भी परवाह नहीं है. मेरा मानना है कि वह दिन दूर नहीं जब कांग्रेस का नाम केवल इतिहास की किताबों में ही मिलेगा. यह ऐसे लोगों को शामिल कर रही है जिनकी अपनी कोई पहचान नहीं है, लेकिन वे फिरहाद हकीम के करीबी लोगों के रूप में जाने जाते हैं. हकीम ने कहा, 'यह कांग्रेस के लिए काफी दुखद तस्वीर है.'