फर्जीवाड़ा: सिपाही समेत 4 अभ्यर्थियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

Update: 2022-05-17 09:13 GMT

यूपी। उत्तर प्रदेश में दरोगा की हुई भर्ती को लेकर अभ्यार्थी जमकर भर्ती में धांधली (Forgery In UP Inspector Recruitment exam) का आरोप लगा रहे हैं और लखनऊ में हजारों की संख्या में भर्ती निरस्त करने की मांग कर रहे हैं और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. अभ्यर्थियों का आरोप है कि दरोगा भर्ती में धांधली हुई है और रुपए देकर दरोगा की नौकरी लोगों ने प्राप्त की है. इधर बरेली (Bareilly) में भी दरोगा भर्ती में साइबर एक्सपर्ट से मदद लेकर फर्जीवाड़ा करने वाले एक सिपाही समेत 4 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया है (Arrest in Inspector Recruitment exam). अभ्यार्थियों को अभिलेखों की जांच के द्वारा बरेली पुलिस लाइन से गिरफ्तार करके उन्हें जेल भेज दिया गया है. सिपाही समेत 4 अभ्यर्थियों ने साइबर एक्सपर्ट से मिलकर फर्जीवाड़ा कर दिया था और उन्होंने परीक्षा में अच्छे अंक हासिल किए थे. पूछताछ में पता चला कि दरोगा भर्ती परीक्षा में 12 लाख रुपए में सौदा हुआ था.

दरअसल बरेली की पुलिस लाइन में दरोगा के भर्ती के लिए परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों के कागजों की जांच चल रही है और पुलिस लाइन में शिक्षा के प्रमाण पत्र सही पाए जाने के बाद बरेली की 108 पीएसी बटालियन में रेस और मापदंड की जांच की जा रही है. इसके साथ ही दरोगा भर्ती में हुई धांधली की खबर सुनकर शासन प्रशासन भी मुस्तैद हो गया है. इस पूरे मामले में ऑनलाइन लिखित परीक्षा के परिणाम में यूपी के इलाहाबाद की एक अभ्यर्थी को 160 सवाल में 158 सवाल सही निकले थे फिर दरोगा प्रोन्नत बोर्ड को शक हुआ तो इस अभ्यार्थी के परीक्षा की कैंडिडेट रिस्पांस लगाकर अध्ययन किया गया तब कहीं पता चला कि अभ्यर्थी ने शुरुआती 45 मिनट में एक भी सवाल हल नहीं किया और उसके बाद 1 मिनट में कई सवाल हल कर दिए फिर बोर्ड का शक गहराया फिर कहीं जाकर बोर्ड ने प्रत्येक अभ्यार्थी का सीआरएल चेक कराया. सीआरएल में पता चला कि अभ्यार्थी चंद किशन और प्रवीण कुमार तथा मोहम्मद मोहसिन एवं फुरकान अली का भी धामली में नाम सामने आया है.

चारों अभ्यर्थियों ने साइबर एक्सपर्ट से मिलकर फर्जीवाड़ा किया तो दरोगा प्रोन्नत बोर्ड परीक्षा को इसका पता चल गया और फिर जैसे ही अभ्यार्थी बरेली पुलिस लाइन पहुंचे तो वहां पर क्राइम ब्रांच की टीम ने सिपाही समेत चारों अभ्यर्थियों को पकड़ लिया. उसके बाद चारों आरोपियों ने जिन जिन सेंटरों पर परीक्षा दी थी उनके व्यवस्थापक संचालक समेत प्रबंधक के खिलाफ भी सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम धोखाधड़ी आईटी एक्ट की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है और चारों आरोपियों को बरेली पुलिस ने जेल भेज दिया है.


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