विदेश मंत्रालय ने तालिबान राज को मान्यता देने के सवाल पर कहा- अभी किसी की सरकार ही नहीं, कुछ भी कहना जल्दबाजी
अफगानिस्तान में तालिबान की अगुवाई में गठित सरकार को मान्यता देने के सवाल पर विदेश मंत्रलाय ने कहा है
अफगानिस्तान में तालिबान की अगुवाई में गठित सरकार को मान्यता देने के सवाल पर विदेश मंत्रलाय ने कहा है कि अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'अफगानिस्तान में स्थिरता नहीं है। किसकी सरकार बनेगी, यह भी अभी साफ नहीं है। मतलब इस सरकार में कौन-कौन होगा। क्या इसमें अफगानिस्तान के समाज के हर वर्ग को प्रतिनिधित्व मिलेगा या नहीं। लोगों की सुरक्षा एक बड़ी चिंता है। दूसरे कई देश भी इसी तरह से वहां की स्थिति का इंतजार कर रहे हैं। भारत इन देशों के साथ संपर्क में है कि कैसे अफगानिस्तान में शांति स्थापित हो या फिर मौजूदा अस्थिरता के बाद किस तरह से वहां की सरकार के साथ संबंध रखे जाएं। इसलिए मान्यता पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।'
काबुल से भारतीयों को निकालना हुआ मुश्किल
काबुल एयरपोर्ट और उसके पास गुरुवार को हुए दो आत्मघाती धमाकों के बाद हालात काफी खराब हो गए हैं। पूरे शहर में तालिबान की तरफ से सुरक्षा बढ़ाई गई है लेकिन भारत समेत दूसरे किसी भी देश को उनकी व्यवस्था पर भरोसा नहीं है। ऐसे में काबुल से भारतीयों को निकालने का काम भी प्रभावित हो रहा है। साथ ही कुछ सिख व हिंदू जो भारत आना चाह रहे थे उनके लिए भी समस्या पैदा हो गई है। भारत हालात पर करीबी नजर रखे है और अमेरिका व कुछ दूसरे देशों के साथ भी संपर्क में है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को कहा, 'अफगानिस्तान के हालात स्थिर नहीं हैं। हम देख रहे हैं कि किस तरह से लगातार वहां परिस्थितियां बदल रही हैं।'
निकासी अभियान में दिक्कत संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा, 'अफगानिस्तान से अधिकतर भारतीय नागरिकों को बाहर निकाला जा चुका है, लेकिन अभी भी कुछ लोगों के वहां फंसे होने की संभावना है। हम हालात के स्थिर होने का इंतजार कर रहे हैं। अपने हर नागरिक को निकालने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अभी तक छह विशेष उड़ानों से 550 लोगों को अफगानिस्तान से निकाला गया है, जिनमें 260 भारतीय हैं।' वैसे सरकार के पास इस बात की कोई ठोस जानकारी नहीं है कि अफगानिस्तान में पहले कितने भारतीय थे और अभी कितने बचे हुए हैं।
अफगानी नागरिकों को फिलहाल छह माह का वीजा
बागची ने कहा कि तालिबान के कब्जे के बाद काबुल से निकाले गए 150 अफगानी नागरिकों को फिलहाल छह महीने का वीजा दिया जा रहा है। इनमें अधिकतर अफगान सिख और हिंदू शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अभी इन्हें शरणार्थी के तौर पर वीजा दिया जा रहा है। बाद में जब वीजा की अवधि समाप्त होने को होगी तब आगे फैसला किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि पहले से जो अफगानिस्तानी नागरिक या छात्र यहां रह रहे हैं अगर उनके वीजा की अवधि समाप्त हो रही है तो सरकार उस पर विचार करेगी।