भारत में पहली बार: अब घर ही बनेगी जेल, कैदियों पर जीपीएस लगाने का प्लान

सरकार के पास प्रस्ताव भेजा है।

Update: 2023-08-29 07:01 GMT
भुवनेश्वर: जेल मे कैदियों की संख्या कम करने के लिए ओडिशा सरकार उनके शरीर पर जीपीएस डीवाइस लगाकर घरों में ही कैद करना का प्लान बना रही है। ओडिशा के जेल प्रशासन ने जेल के खर्च को कम करने और कैदियों के बोझ को घटाने के लिए यह प्रस्ताव रखा है। डीजी प्रिजन डॉ. मनोज छाबड़ा ने कहा कि उन्होंने सरकार के पास प्रस्ताव भेजा है। इस डिवाइस का खर्च 10 से 15 हजार के बीच होगा। अगर कोई कैदी तय सीमा से बाहर जाने की कोशिश करेगा को यह डिवाइस अलर्ट कर देगी।
छाबड़ा ने कहा कि सरकार अभी इस कदम पर विचार कर रही है। जो छोटे अपराधी हैं उन्हें कैद करने के लिए इस डिवाइस का इस्तेमाल किया जा जा सकता है। इस डिवाइस को कैदियों के टखने में फिट किया जाएगा। हाल ही में जेल प्रशासन ने इस तरह की डिवाइस को संसदीय स्थायी समिति के सामने भी पेश किया था।
छाबड़ा ने कहा कि इस कदम से जेल में बढ़ रही कैदियों की संख्या और उनके खर्च से निजात मिलेगा। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्यों को निर्देश दिया था कि सात साल से कम सजा वाले अपराधियों को गिरफ्तार ना किया जाएगा। ओडिशा में 65 फीसदी ऐसे कैदी हैं जिन्हें ऐसे मामलों में गिरफ्तार किया गया है जिसकी सजा सात साल सेकम है। राज्य की 87 जेलों में करीब 20 हजार कैदी हैं।
ओडिशा के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर इस तरह से डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है तो सबसे पहले तो यह किसी की निजता का उल्लंघन करेगा जो कि मौलिक अधिकार है। ऐसा भी हो सकता है कि अगर किसी पर केस चलता है तो उसका सारा डेटा डिवाइस में रख लिया जाएगा। बाद में इस डेटा का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। इस हिसाब से यह डिवाइस समस्याएं खड़ा कर सकती है। कुछ अन्य लोगों ने कहा कि दूसरी डिवाइस की तरह ही इसे रेग्युलर चार्ज करना होगा। अगर कोई चार्ज नहीं करेगा तो इसकी बैट्री काम करना बंद कर देगी। इसके अलावा यह एक टेक्निकल डिवाइस है जो कि कभी भी खराब हो सकती है। ऐसे में छेड़छाड़ के नाम पर आरोपी के साथ बुरा व्यवहार करने की भी संभावना बनी रहेगी।
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