पहली बार 100 बेटियां देशभर में जैन धर्म का परचम लहरा रही

Update: 2023-09-28 18:22 GMT
जयपुर। लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर में जहां ‘नारी शक्ति वंदन’ विधेयक पास हुआ है, वहीं दूसरी ओर छोटी काशी में धार्मिक शिक्षा ग्रहण कर रहीं बेटियां देश भर में जैनागम का डंका बजा रही हैं। दिगंबर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान के अंतर्गत संचालित संत सुधासागर कन्या आवासीय महाविद्यालय की विदुषी बेटियां महाराष्ट्र, मध्य-प्रदेश, उत्तर-प्रदेश सहित आधा दर्जन से अधिक प्रदेशों के 50 शहर में जैन धर्म की ध्वजा फहरा रही हैं। दिगंबर जैन धर्मावलंबियों के दशलक्षण महापर्व के दौरान ये बेटियां जैन मंदिरों में तड़के से देर शाम तक धार्मिक अनुष्ठान सम्पन्न करवा रही हैं। गौरतलब है कि दशलक्षण महापर्व में अब तक पुरुष विद्वान ही जगह-जगह जाते थे, यह पहली बार है कि 100 से ज्यादा बेटियां देश भर में जैन धर्म की प्रवाहना कर रही हैं।
राजधानी जयपुर के 30 जैन मंदिर में सांगानेर छात्रावास की बेटियां जैन धर्म की प्रभावना कर रहीं हैं। ये बिदुषी बेटियां सुबह जहां संस्कृत और प्राकृत मंत्रों का बखूबी उच्चारण कर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर रही हैं, वहीं शाम को प्रवचन करके श्रोताओं को अध्यात्म के पथ पर चलने की प्रेरणा दे रही हैं। खासबात यह है कि इन विदुषी बेटियों ने अभिषेक, शांतिधारा, पूजा, दशलक्षण धर्म, तत्वार्थ सूत्र वाचन आदि अनुष्ठानों की कमान संभाल रखी है। जयपुर में बापूनगर, जौहरी बाजार, मालवीय नगर, प्रतापनगर, मंगल विहार, जवाहर नगर, चित्रकूट, मानसरोवर आदि जगहों पर बेटियां पयुर्षण पर्व के अनुष्ठान करवा रहीं हैं। संत सुधासागर कन्या आवासीय महाविद्यालय की अधिष्ठात्री शीला डोड्या व निर्देशिका वंदना जैन ने बताया कि छात्रावास में देशभर से 180 बेटियां लौकिक शिक्षा के साथ धार्मिक और संस्कारों को ग्रहण कर रही हैं। यह सभी विदुषी बेटियां कक्षा 11 से लेकर अंतिम वर्ष की हैं। बेटियां संगीत, कंप्यूटर, सिलाई आदि कलाओं में भी पारंगत है।मालवीय नगर जैन मंदिर में प्रवचन कर रहीं बाल ब्रह्मचारी दृष्टि जैन ने आजीवन ब्रह्मचारी व्रत लिया है। दृष्टि ने बताया कि अंग्रेजी और संस्कृत के साथ ही प्राकृत व अपभ्रंश आदि भाषाओं का भी प्रशिक्षण ले रही हैं।
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