मछुआरे की विधवा को 9 साल बाद मिला सरकार से मुआवजा, जानें पूरा मामला

Update: 2022-12-17 06:30 GMT

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गिर सोमनाथ (गुजरात) (आईएएनएस)| गिर-सोमनाथ जिले के एक मछुआरे की विधवा को नौ साल के बाद तीन लाख रुपये का मुआवजा मिला है। उनके पति 2013 में एक भारतीय नाव पर पाकिस्तान की गोलीबारी में मारे गए थे। समुद्र श्रमिक संघ के अध्यक्ष बालुभाई सोसा ने आईएएनएस को बताया कि सरखडी गांव के 28 वर्षीय नारनभाई सोसा मछली पकड़ने वाली नाव 'धनवंतरी' (पंजीकरण संख्या जीजे-10 एमएम-ए 1719) पर सवार थे, जो 5 अक्टूबर, 2013 को बंदरगाह से रवाना हुई थी।
जब वे अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) के करीब भारतीय जल में मछली पकड़ रहे थे, तो पाकिस्तान मरीन सुरक्षा एजेंसी की एक टीम ने बिना किसी उकसावे के नाव पर गोलियां चला दीं।
इस फायरिंग में सोसा को गोली लग गई थी। नाव 'टंडेल' (कप्तान) बालूभाई पूजाभाई वापस तट पर चले गए और घायल मछुआरे को भावसिंहजी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने गोली लगने से दम तोड़ दिया।
तब से मछुआरे की विधवा भानुबेन सोसा की ओर से, समुद्र श्रमिक संघ ने मत्स्य विभाग और अन्य अधिकारियों को विधवा के लिए मुआवजा जारी करने की गुहार लगाते हुए कई अभ्यावेदन दिए थे। आखिरकार 15 दिसंबर को कोडिनार डिप्टी कलेक्टर ने उन्हें 3 लाख रुपये का मुआवजा चेक सौंपा है।
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